प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए प्रारंभ की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत झुंझुनूं जिले के 122 गांवों को प्रथम चरण में चयनित किया गया है। योजना का उद्देश्य बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है। राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। योजना के तहत प्रत्येक चयनित बीपीएल परिवार को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकें या कोई छोटा व्यवसाय स्थापित कर अपनी आजीविका चला सकें। यह आर्थिक सहायता उनके जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है। 10 पंचायत समितियों से चयनित हुए गांव झुंझुनूं जिले की 10 पंचायत समितियों—चिड़ावा, अलसीसर, झुंझुनूं, खेतड़ी, मंडावा, नवलगढ़, पिलानी, सिंघाना, सूरजगढ़ और उदयपुरवाटी—से कुल 122 गांवों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में इन गांवों के 207 बीपीएल परिवारों को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। संबंधित उपखंड अधिकारियों के निर्देशन में गांवों में कमेटियों के माध्यम से पात्र परिवारों का सर्वे किया जा रहा है।