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राज्य सरकार द्वारा 5 जून से 20 जून तक आयोजित “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” में झुंझुनूं जिले ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए जल संरक्षण की दिशा में एक मिसाल कायम की है। अभियान के समापन अवसर पर सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने जिले की विशेष उपलब्धियों की जानकारी दी और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं की जनता ने जल संरक्षण को जनआंदोलन में बदल दिया है और यह जिला पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा बना है। झुंझुनूं की शानदार उपलब्धियां प्रभारी मंत्री गहलोत ने बताया कि झुंझुनूं जिला “मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.1” के तहत लक्ष्यों की पूर्ति में राज्य में द्वितीय स्थान पर रहा है। अभियान के दौरान जिले में कुल 3,465 जल संरक्षण कार्य पूरे किए गए, जिससे न केवल जल स्तर सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए गए, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिला। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण कार्यों के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से 1,42,573 मानव दिवसों का सृजन किया गया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी संबल मिला। इसके अलावा, जिले में 304 मेजिक पिट/शॉप फिट, 53 रिचार्ज साफ्ट (कर्मभूमि से मातृभूमि योजना के अंतर्गत), तथा 1,362 स्थानों पर श्रमदान के जरिये जन सहयोग को सक्रिय रूप से जोड़ा गया। यह जन सहयोग अभियान को मजबूती देने का प्रमाण है। जिले में आयोजित 6,942 कार्यक्रमों में 3,58,231 नागरिकों ने भागीदारी की, जिसमें से 1,69,106 महिलाएं थीं। यह महिला सहभागिता की दृष्टि से भी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। प्रभारी मंत्री ने बताया कि हरियालो राजस्थान अभियान के तहत झुंझुनूं जिले में 4,29,470 गड्ढों की खुदाई कर वृक्षारोपण की तैयारी की गई है। इससे पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को भी नया आयाम मिलेगा। तस्करी पर सख्ती के निर्देश झुंझुनूं जिले में अवैध लकड़ी तस्करी के संबंध में पूछे गए सवाल पर मंत्री गहलोत ने कहा कि अगर जिले में इस प्रकार की अवैध गतिविधियां हो रही हैं, तो संबंधित अधिकारियों से बात कर तत्काल एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी कीमत पर वन संपदा को नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा। राज्यभर में ऐतिहासिक अभियान बना ‘वंदे गंगा’ झुंझुनूं की उपलब्धियों के साथ-साथ प्रभारी मंत्री ने राज्य स्तरीय सफलताओं को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि 5 जून से 20 जून तक चले इस अभियान ने पूरे राजस्थान को एकजुट कर दिया। यह महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन सहयोग से उपजा एक ऐतिहासिक जनांदोलन बन गया। मंत्री गहलोत ने बताया कि अभियान के दौरान राज्य में 2 लाख 23 हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 1 करोड़ 71 लाख लोगों की भागीदारी रही। इसमें 89 लाख महिलाएं शामिल रहीं, जो महिला सशक्तिकरण का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। राज्यभर में 29,300 जल स्रोतों की सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया गया, वहीं 43,900 संस्थानों (विद्यालय, अस्पताल, कार्यालय आदि) में स्वच्छता कार्य किए गए। जल संरक्षण से जुड़े 11,900 कार्यों का लोकार्पण व निरीक्षण हुआ और 3,300 नए कार्यों की शुरुआत भी की गई। प्रभारी मंत्री ने यह भी बताया कि 60,600 स्थानों पर श्रमदान के जरिये आमजन ने अभियान को अपना बनाया। वहीं कर्मभूमि से मातृभूमि योजना के तहत 3,200 रिचार्ज साफ्ट का निर्माण सीएसआर और दानदाताओं की मदद से किया गया।

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