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झुंझुनूं रोडवेज डिपो में नई व्यवस्थाएं:सभी 77 बसें अब रोज़ाना 400 KM दौड़ेंगी, इस नई व्यवस्था से यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी और रोडवेज को आर्थिक लाभ मिलेगा

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झुंझुनूं रोडवेज डिपो में मंगलवार से एक नई व्यवस्था लागू हो गई है, जो डिपो के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब डिपो के सभी 77 शेड्यूल पर चलने वाली बसें रोजाना कम से कम 400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले केवल 51 शेड्यूल ही इस मानदंड को पूरा करते थे, जबकि शेष 26 शेड्यूल कम दूरी तक ही सीमित थे। इस नई पहल का सीधा फायदा आम यात्रियों को मिलेगा, जिससे उनका सफर अधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगा। चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी की पहल इस नई व्यवस्था के पीछे झुंझुनूं डिपो के नए चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी की दूरदर्शी सोच और सक्रियता है। कार्यभार संभालते ही उन्होंने रोडवेज संचालन को अधिक प्रभावी और यात्रियों के लिए सुगम बनाने का बीड़ा उठाया। उनकी इस पहल से डिपो की कार्यप्रणाली में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। रोडवेज को होगा आर्थिक लाभ डिपो प्रबंधक गिरिराज स्वामी ने बताया कि कम दूरी वाले शेड्यूल रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया, “400 किलोमीटर प्रतिदिन संचालन की नीति से अब प्रत्येक बस की उपयोगिता और रिटर्न दोनों बढ़ेंगे। इससे संचालन लागत वसूल होगी और आय में उल्लेखनीय इजाफा होगा।” यह कदम रोडवेज डिपो की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा। तकनीकी मॉनिटरिंग से बेहतर नियंत्रण नई व्यवस्था में बसों की GPS ट्रैकिंग, टिकटिंग में पारदर्शिता और समयबद्ध फेरे सुनिश्चित किए गए हैं। प्रत्येक बस के माइलेज, डीजल खपत और परिचालकों की ड्यूटी पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। यह तकनीकी निगरानी बसों के संचालन को अधिक कुशल और जवाबदेह बनाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी अब तक झुंझुनूं डिपो की सेवाएं मुख्य रूप से शहरी और मध्यवर्ती इलाकों तक ही सीमित मानी जाती थीं। लेकिन आज से लागू इस व्यवस्था से कस्बों और गांवों को भी सीधे तौर पर राज्य की मुख्य बस सेवाओं से जोड़ा गया है। इससे छात्र, नौकरीपेशा और मजदूर वर्ग को बहुत राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें अब अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बेहतर और सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। काजड़ा गांव को मिली सीधी बस सेवा अब तक झुंझुनूं से कई दूरदराज के गांवों के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध नहीं थी, और काजड़ा गांव इसका एक प्रमुख उदाहरण था। काजड़ा जाने के लिए यात्रियों को पहले झुंझुनूं से चिड़ावा या सूरजगढ़ तक बस लेनी पड़ती थी और फिर वहां से दूसरी बस बदलकर आगे का सफर करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में यात्रियों का समय, पैसा और मेहनत तीनों बर्बाद होते थे। लेकिन आज से लागू हुए नए सिस्टम में काजड़ा सहित ऐसे कई गांवों को सीधी और लंबी दूरी की बस सेवाओं से जोड़ा गया है। अब यात्री एक ही बस से बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे, जिससे उनका सफर कहीं अधिक आरामदायक हो जाएगा। सालासर दर्शन के लिए सीधी बस सेवा शुरू झुंझुनूं रोडवेज डिपो से दर्शनार्थियों के लिए अब सालासर बालाजी तक सीधी बस सेवा शुरू कर दी गई है। यह बस झुंझुनूं से लक्ष्मणगढ़ होते हुए सालासर जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को अब यात्रा में बस बदलने की परेशानी नहीं होगी। बस प्रत्येक सुबह 6:30 बजे झुंझुनूं डिपो से रवाना होगी और करीब 9:00 बजे सालासर पहुंचेगी। यह सेवा उन श्रद्धालुओं के लिए खास लाभकारी होगी जो बालाजी के दर्शनों के लिए नियमित रूप से यात्रा करते हैं। नई व्यवस्था से यात्रियों में खासा उत्साह है।

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