करौली में टीबी मुक्त भारत अभियान को नई दिशा देने के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य भवन में आयोजित इस कार्यशाला की अध्यक्षता सीएमएचओ डॉ. जयंतीलाल मीणा ने की। कार्यशाला में 100 दिवसीय विशेष अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले की शहरी आबादी के 30 प्रतिशत हिस्से की एक्स-रे और बलगम जांच की जाएगी। इसके लिए एएनएम, सीएचओ और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित मरीजों की पहचान करेंगे। अभियान में कुछ विशेष श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनमें डायबिटीज के मरीज, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग शामिल हैं। साथ ही उन परिवारों को भी प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें पिछले 5 वर्षों में किसी सदस्य को टीबी हुई हो या जिनका पिछले 3 वर्षों में टीबी का इलाज हुआ हो। सीएमएचओ ने बताया कि यह केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण अभियान है। टीबी के मरीजों की जल्द पहचान और उपचार के लिए यह कदम उठाया गया है। दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल कैंप लगाए जाएंगे। नजदीकी अस्पतालों में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सतीश चंद मीणा, डॉ. ओपी महावर, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशुतोष पांडेय और जिला आईईसी समन्वयक लखन सिंह लोधा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
टीबी मुक्त भारत अभियान में करौली का नया कदम:100 दिन के विशेष अभियान में 30% आबादी की होगी एक्स-रे और बलगम जांच
