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टीवी शो ‘जाने अनजाने हम मिले’ की प्रोड्यूसर और राइटर सोनल कक्कड़ और गोल्डी बहल ने समाज में छिपी प्रथाओं को उठाने का फैसला किया है। उनका शो आटा-साटा प्रथा पर आधारित है, जो एक तरह की एक्सचेंज मैरिज है। हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत में, सोनल ने टीवी शोज के बदलते ट्रेंड्स, ओटीटी के असर और ऑडियंस की बदलती पसंद पर अपने विचार शेयर किए। आटा-साटा प्रथा को शो में दिखाने का फैसला क्यों किया? इस बारे में सोनल कहती हैं, ‘आटा-साटा एक ऐसी प्रथा है, जिसमें भाई-बहन की शादी एक ही परिवार में कर दी जाती है। यह कंसेप्ट मुझे इसलिए इंटरेस्टिंग लगा क्योंकि इसमें इमोशंस, फैमिली वैल्यूज और रियलिस्टिक एलीमेंट्स हैं। शो के लीड किरदार- रीत और राघव अपनी छोटी बहन-भाई के लिए इस शादी के लिए तैयार होते हैं, लेकिन फिर उनकी खुद की कहानी कैसे बदलती है, ये देखना दिलचस्प होगा।’ गोल्डी बहल के साथ काम करने का अनुभव पर सोनल ने कहा, ‘गोल्डी बहल इंडस्ट्री में बेहतरीन नाम हैं। उनके अनुभव से बहुत कुछ सीखा है। वह हर सीन को बारीकी से समझते हैं और ऑडियंस के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए कहानी को सही दिशा में ले जाते हैं। उनके साथ काम करना एक बेहतरीन अनुभव रहा।’ ओटीटी का टीवी शोज पर क्या असर पड़ा है? इस सवाल का जवाब देते हुए, सोनल बताती हैं, ‘आजकल ऑडियंस की पसंद बदल चुकी है। पहले लोग हल्की-फुल्की कहानियाँ पसंद करते थे, लेकिन अब वे गहरी और जटिल कहानियां चाहते हैं। ओटीटी के कंटेंट ने ऑडियंस की पसंद को और बेहतर बना दिया है। अब वे ऐसे शोज देखना चाहते हैं जो उन्हें सोचने पर मजबूर करें और जिनमें कई पहलू हो। यही वजह है कि हमने इस शो को पारिवारिक ड्रामा से ज्यादा गहरी सोच और ट्विस्ट के साथ डिजाइन किया है। यह आज के समय के हिसाब से काफी रिलेटेबल है।’ वैसे, पिछले कुछ सालों में कई नए टीवी शोज लांच हुए हालांकि वे ज्यादा समय तक टिक नहीं पाते। इस बारे में सोनल कहती हैं, ‘आजकल ऑडियंस का अटेंशन स्पैन कम हो गया है। अगर शुरुआत में शोज ऑडियंस को आकर्षित नहीं कर पाते, तो वे जल्दी ही छोड़ देते हैं। ऑडियंस की उम्मीदें अब बहुत बढ़ गई हैं। वे ऐसे शोज देखना चाहते हैं, जो कुछ नया और दिलचस्प पेश करें। स्क्रिप्ट, किरदार और स्टोरीटेलिंग में नयापन लाना अब बहुत जरूरी हो गया है।’

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