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मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 9 की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 2,34,565.53 करोड़ रुपए (₹2.35 लाख करोड़) बढ़ी है। इस दौरान रिलायंस टॉप गेनर रही। कंपनी का मार्केट कैप ₹69,557 करोड़ बढ़कर ₹20.52 लाख करोड़ पहुंच गया है। इस दौरान टेलीकॉम कंपनी एयरटेल की वैल्यू 51,861 करोड़ रुपए बढ़कर ₹11.56 लाख करोड़ हो गई है। HDFC बैंक की वैल्यू भी ₹37,343 करोड़, बजाज फाइनेंस की ₹26,038 करोड़ और ICICI बैंक की वैल्यू ₹24,650 करोड़ बढ़ी है। वहीं, इंफोसिस अकेली कंपनी रही जिसमें इस हफ्ते नेट बिकवाली देखने को मिली और इसका मार्केट कैप ₹5,495 करोड़ घटकर ₹6.68 लाख करोड़ पर आ गया है। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है। इसे एक उदाहरण से समझें… मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी। कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं… 1. मार्केट कैप के बढ़ने का क्या मतलब है? 2. मार्केट कैप के घटने का क्या मतलब है? 3. मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है? कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं। उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है। 4. मार्केट कैप कैसे काम आता है? शुक्रवार को 303 अंक चढ़कर 84,050 के पार बंद हुआ बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार, 27 जून को सेंसेक्स 303 अंक चढ़कर 84,059 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 89 अंक की तेजी रही, ये 25,638 पर पहुंच गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 में तेजी और 14 में गिरावट रही। एशियन पेंट्स का शेयर 3.1% चढ़ा। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड सहित कुल 11 शेयरों में 1% से ज्यादा की तेजी रही। एक्सिस बैंक और इटरनल के शेयर्स 1% गिरे। निफ्टी के 50 शेयरों में से 30 में तेजी और 20 में गिरावट रही। NSE के ऑयल एंड गैस सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.19% की तेजी रही। फार्मा, मेटल और हेल्थकेयर भी ऊपर बंद हुए। रियल्टी में 1.55% की गिरावट रही।

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