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चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार टोल नाके के पास आरटीओ विभाग की महिला इंस्पेक्टर और एक ट्रक ड्राइवर के बीच हुई झड़प का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब विपक्ष भी सक्रिय हो गया है और महिला इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। वीडियो वायरल होने के बाद मचा बवाल यह विवाद बुधवार को उस वक्त शुरू हुआ जब आरटीओ विभाग की महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी और उत्तर प्रदेश निवासी ट्रक ड्राइवर नाजिम खान के बीच कहासुनी हो गई। बताया जा रहा है कि ट्रक ड्राइवर की गाड़ी रास्ते में खड़ी होने से जाम लग गया था, जिस पर महिला इंस्पेक्टर ने उसे हटाने के लिए कहा। ड्राइवर के ढीले रवैये से गुस्साई महिला अफसर ने कथित तौर पर उसके बाल खींचे और धक्का दे दिया। इस पूरी घटना का वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे मामला और गरमा गया। बता दे कि महिला इंस्पेक्टर की लगातार शिकायतें आ रही थी। उसपर अवैध वसूली के आरोप भी लगते आए है। महिला इंस्पेक्टर की सफाई घटना के बाद महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी ने सफाई देते हुए कहा कि ट्रक ड्राइवर जाम का कारण बना हुआ था और बार-बार कहने के बावजूद वह अपनी गाड़ी को साइड नहीं कर रहा था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने पुलिस को बुलाया और ड्राइवर के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया है। विधायक ने भी जताई नाराजगी इस मामले पर चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि महिला इंस्पेक्टर का व्यवहार पूरी तरह अनुचित था और कानून के दायरे में रहते हुए ही कार्रवाई होनी चाहिए थी। बाल खींचकर और धक्का देकर किसी के साथ इस तरह का व्यवहार करना न केवल अमानवीय है बल्कि यह पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। उन्होंने भी संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस नेता का बड़ा बयान विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने भी महिला आरटीओ इंस्पेक्टर के व्यवहार की निंदा की है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है और कई बार अवैध वसूली के नाम पर चेकिंग की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईवे पर ट्रकों को जानबूझकर रोका जाता है और उनसे “व्यवस्था” के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। जाड़ावत ने आगे कहा, “मैंने खुद देखा है कि पंजाब की बड़ी-बड़ी गाड़ियां हाईवे पर खड़ी रहती हैं और आरटीओ अधिकारी उन्हें बुलाकर ‘डील’ करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया संदिग्ध और भ्रष्ट है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि ट्रक ड्राइवर के दस्तावेज अधूरे थे तो चालान बनाना चाहिए था, लेकिन बाल खींचना और धक्का देना पूरी तरह से अनुचित है। ऐसी घटनाएं सरकारी तंत्र में मौजूद असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं। जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई होती थी, चाहे वह अधिकारी हो या कोई राजनेता। उन्होंने भजनलाल शर्मा सरकार से भी इसी प्रकार की तत्परता की उम्मीद जताई और कहा कि दोषी महिला अधिकारी को तुरंत निलंबित किया जाए। जाड़ावत ने परिवहन मंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील करते हुए कहा, “राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस घटना पर गंभीर रुख अपनाए और महिला इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करे। इससे यह संदेश जाएगा कि कानून सभी के लिए बराबर है और कोई भी अधिकारी मनमानी नहीं कर सकता।”

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