सिटी रिपोर्टर | कोटा सरकारी स्कूलों की ओर से बच्चों को आकर्षित करने, उन्हें खुशनुमान माहौल में गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के उद्देश्य से कई संस्था प्रधान विभिन्न नवाचार कर रहे हैं। किसी ने पूरे भवन को ही ट्रेन की तरह रंगवाया है तो किसी प्राचार्य ने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। बार कोड से स्टूडेंट्स की हाजिरी भी होती है। एक प्रिंसिपल ने स्कूल की अपनी नर्सरी तैयार करवा दी। अब पौधे लेने कहीं नहीं जाना पड़ता। जीरोद ( बारां) 1 प्रतिशत खर्च पर्यावरण पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जीरोद के प्राचार्य पंकज वेतन की 1 प्रतिशत राशि पर्यावरण पर खर्च करते हैं। अब तक हजारों पौधे लगा चुके हैं। इस बार तो स्कूल की अपनी नर्सरी तैयारी कर ली। स्टूडेंट्स को पौधे लगाने के िलए प्रेरित करते हैं। इटावा : सीसीटीवी से की जा रही मॉनिटरिंग राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, इटावा के प्राचार्य रामनारायण मीना ने भामाशाहों की मदद से हर क्लास रूम को डिजिटल करवाया। क्लासरूप की हर गतिविधि सीसीटीवी कैमरे की सहायता से देख सकते हैं। कक्षा एक से 12वीं तक 1230 का नामांकन है। आवां : क्यूआर कोड से होती है हाजिरी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आवां में स्टूडेंट्स की हाजिरी ऑनलाइन होती है। प्राचार्य आदित्य विजय का कहना है कि छात्र के एक दिन भी अनुपस्थित रहने पर मैसेज परिजन के मोबाइल पर पहुंचता है। सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं। स्टाफ के लिए यूनिफॉर्म तय है। बालोद (बूंदी) : हर कमरा लगता है ट्रेन का कोच राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, बालोद की प्राचार्य अरुणा मीना की पहल पर जर्जर भवन को नया किया गया। हर कमरे का ट्रेन के कोच का आकार दिया और अब दूर से ऐसा लगता है, जैसे ट्रेन किसी प्लेटफॉर्म पर खड़ी हो। पंचायत से भी इसमें सहयोग मिला। लगातार स्टूडेंट्स स्कूल से जुड़ रहे हैं।