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ठग बोला- हमारा पांच का ग्रुप, प्रतिदिन 40 हजार से 2 लाख तक की कमाई

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सुनील शर्मा | उदयपुर प्रदेश का नया बना सलूंबर जिला दक्षिणी राजस्थान का मेवात बनता जा रहा है। एस्कोर्ट सर्विस लड़कियां उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी को यहां के युवा बिजनेस बना चुके हैं। बदमाश लोकेंटो वेबपोर्टल से ग्राहक फंसाते हैं, इसलिए पुलिस भी इन्हें लोकेंटो बुलाने लगी है। खेतों में ग्रुप में बैठकर आराम से ऑनलाइन ग्राहक ढूंढते हैं। भास्कर रिपोर्टर सलूंबर-झल्लारा के बीच एक गांव में ठगों के पास पहुंच गए तो वे बेखौफ होकर बोले थाने में बंधी है, छूट जाएंगे। आंकड़ों की बात करें तो सलूंबर व झल्लारा थाने में पिछले तीन साल में एस्कोर्ट सर्विस के 14 केस दर्ज कर 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि किसी केस में फरियादी सामने नहीं आया। पुलिस ने ही आरोपियों को पकड़ा और खुद केस दर्ज किया। ठग लोकेंटो के अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप स्टेटस, टेलीग्राम के जरिए लोगों को फंसाते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति संपर्क करता है, उससे पंजीकरण शुल्क, एडवांस पेमेंट, होटल बुकिंग, पुलिस क्लीयरेंस या सुरक्षा डिपॉजिट के नाम पर 500 से लेकर 50 हजार रुपए तक वसूले जाते हैं। पैसे ट्रांसफर होते ही न तो कोई सेवा मिलती है, न ही कॉल उठाई जाती है। ज्यादातर शिकार राजस्थान से बाहर के होने व बदनामी के डर से पुलिस तक नहीं जाते हैं। झल्लारा में 11 केस में 23 व सलूंबर में 3 केस में 6 आरोपियों को पकड़ा है। सभी में पुलिस ही फरियादी है। इसके अलावा सराड़ा, सेमारी, देवगांव व सीमावर्ती डूंगरपुर के गांव के युवा ठगी में शामिल हैं। {सलूंबर-झल्लारा के बीच खेतों में बैठकर मोबाइल पर शिकार तलाश रहे युवकों के भास्कर ने फोटो खीचें। युवकों ने डरने के बजाय बैखौफ होकर बताया कि पुलिस पकड़ती है, फिर छोड़ देती है। थाने में बंधी है। हमारा 5 जनों का ग्रुप है। सरकारी नौकरी में भी 40-50 हजार रुपए मिलते हैं। यहां दिन में 40 हजार से 2 लाख रुपए तक कमा लेते हैं। हमारे इधर दसवीं कक्षा का बच्चा भी लोकेंटो बिजनेस जानता है। सलूंबर, झल्लारा, वागड़ में मिलाकर 1500 से ज्यादा लोकेंटो में जुड़े हुए हैं। .फर्जी सिमों व फर्जी खातों से ठगी होती है। ईमित्र व मोबाइल विक्रेता यह सिमें उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन पुलिस इन तक नहीं पहुंचती है। पुलिस का कहना है कि अहमदाबाद से कॉरियर से अपराधियों तक फर्जी सिम पहुंचती है। जिनको ठग नहीं जानते। ^पुलिस से लेनदेन को लेकर शिकायत नहीं मिली है। सलूम्बर जिले में समाज विशेष के युवा ज्यादातर अहमदाबाद व अन्य जगह कार्य करते हैं, वहीं से ठगी करना सीखकर आकर अपने गांव के दोस्तों को बताया। जिस कारण से इनकी संख्या इस क्षेत्र में ज्यादा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। -राजेश यादव, एसपी, सलूम्बर ^बदनामी के डर से शिकायत पुलिस तक नहीं आती है। पीड़ित साइबर सेल पर फोन कर ओटीपी मांगकर ठगी करने का आरोप लगाते हैं। साइबर सेल द्वारा जारी संदिग्ध नंबरों को ट्रेस किया जाता है तो आरोपी पकड़ में आते हैं। फिर पुलिस को ही फरियादी बनना पड़ता है। -धर्मेंद्र सिंह, थानाधिकारी, झल्लारा { पुलिस भी ठगों को कहने लगी लोकेंटो: गूगल पर “Escort service ” जैसे शब्द टाइप करते ही कई वेबसाइटें सामने आ जाती हैं। लोकेंटो वेबपोर्टल क्लासीफाइड फ्री एड देने की सुविधा देता है। ठग यहीं पर अपना प्रचार करते हैं। पुलिस भी ऐसे ठगों को लोकेंटो नाम से संबोधित करती है, जबकि यह वेबपोर्टल है। सलूंबर -झल्लारा रोड पर फोन पर शिकार तलाशतें युवा। ​ हरियाणा के युवक को ठग कर फोन दिखाया (दाएं)। फोटो-सुरेश टेलर झल्लारा | झल्लारा पुलिस ने क्षेत्र में सुनसान जगह से बकरियां चुराने वाली गैंग का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर दो नाबालिगों को डिटेन किया है। पुलिस ने चुराई गई 35 बकरियां भी बरामद की। एसपी राजेश कुमार यादव ने बताया कि झल्लारा थाना क्षेत्र के खाखरिया फला भबराना निवासी हलिया मीणा ने 1 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि 30 मई को वह रमेश और काना की 56 बकरियां लेकर जंगल में चराने गया था। दोपहर करीब 3 बजे हैंडपंप पर पानी पीने गया और 10-15 मिनट बाद वापस लौटा तो 30 से 40 बकरियां गायब थीं। उसने आसपास बकरियों की तलाशी की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मामला दर्ज होने पर पुलिस ने जांच शुरू कर मुखबिरों से जानकारी जुटाई। इसी दौरान पता चला कि मानपुर होली फला निवासी रामलाल (21) पुत्र बाबरिया मीणा को घटना वाले दिन खेतों और गांव के आसपास घूमते देखा था। पुलिस ने रामलाल को पकड़कर पूछताछ की तो उसने दो नाबालिग के साथ मिलकर बकरियां चुराना कबूल कर लिया।

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