12 साल का बच्चा घर पर बिना बताए दोस्तों के साथ वाटर पार्क चला गया। देर हुई तो माता-पिता से डांट पड़ने का डर सताया। वह ट्रेन में बैठ गया। उसने 3 ट्रेन बदली और 1320 किलोमीटर का सफर किया। अहमदाबाद, मारवाड़ होते हुए हरियाणा पहुंच गया। ट्रेन से उतरकर सड़क पर पैदल चला तो भूख के कारण चक्कर खाकर गिर गया। दो अनजान महिलाओं ने संभाला, खाना खिलाया। 5 दिन बाद बच्चा लौटा तो दादा और मां फूट-फूटकर रोने लगे। घटना पाली जिले के सदर थाना इलाके की है। बच्चा 16 जून को घर से निकला था। वह 20 जून को लौटा। 3 ट्रेन बदली, 1320 किलोमीटर सफर किया… 3 नाबालिग दोस्तों के साथ वाटर पार्क घूमने गया था
पाली के सदर थाना के सब इंस्पेक्टर शिवनारायण ने बताया- थाना इलाके में रहने वाला 12 साल का बच्चा 16 जून को घर पर बिना बताए 3 नाबालिग दोस्तों के साथ शहर के पुनायता रोड इलाके में स्थित वाटर पार्क के लिए निकला था। जेब में पूरे पैसे नहीं थे, इसलिए पार्क में एंट्री नहीं मिली। इधर-उधर भटकने में शाम हो गई। सभी दोस्त अपने घर चले गए। लेकिन बच्चा अपने घर नहीं गया। उसे लगा कि घर जाऊंगा तो बहुत मार पड़ेगी। सब डांटेंगे। ऐसे में घर न जाकर वह 4 किलोमीटर पैदल चलकर पाली रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां प्लेटफॉर्म पर खड़ी एक ट्रेन में बैठ गया। 3 ट्रेन बदलकर पहुंचा पानीपत
बच्चे की जेब में एक रुपया भी नहीं था। पाली से ट्रेन में बैठकर वह 380 किलोमीटर दूर अहमदाबाद स्टेशन पर पहुंच गया। वहां ट्रेन से उतरकर उसी प्लेटफॉर्म से दूसरी ट्रेन पर सवार हो गया। इस ट्रेन में 340 किलोमीटर सफर करने के बाद मारवाड़ जंक्शन पहुंच गया। यहां फिर ट्रेन से उतरा और प्लेटफॉर्म पर खड़ी दूसरी ट्रेन में चढ़ गया। वहां से करीब 600 किलोमीटर का सफर करने के बाद 18 जून (बुधवार) को वह पानीपत (हरियाणा) पहुंच गया। दो दिन से भूखा बच्चा पानीपत स्टेशन पर उतरा और सड़क पर पैदल चलने लगा। कुछ दूर चलने के बाद वह बेहोश होकर रोड पर गिर पड़ा। इस दौरान वहां से गुजर रही दो महिलाओं ने उसे संभाला। पानी पिलाया। बच्चे ने कहा कि उसे बहुत भूख लगी है। दोनों महिलाओं ने उसे चावल खिलाए। महिलाओं के जाने के बाद वह वहीं सड़क किनारे कोल्ड ड्रिंक के ठेलेवाले के पास गया। उसने ठेलेवाले को बताया- मैं घर पर बिना बताए आ गया हूं। प्लीज, घर पर मेरी बात करा दो। उसने ठेलेवाले को पिता के मोबाइल नंबर बताए। ठेलेवाले ने अपने मोबाइल फोन से बच्चे के पिता के नंबर पर कॉल किया। पिता ने पहले बेटे से बात की। इसके बाद ठेलेवाले को पुलिस को सूचना देने को कहा। वहां की पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को थाने ले गई। दो दिन से परिवार था बेहाल, बात होने के बाद आई जान में जान
16 जून से गायब बेटे के बारे में पिता ने सदर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। पाली पुलिस भी बच्चे की तलाश में सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही थी। 18 जून (बुधवार) को बेटे से बात होने के बाद पिता ने तुरंत सदर थाना पुलिस को सूचना दी। थाने से हेड कॉन्स्टेबल भूंडाराम, कॉन्स्टेबल हेमेन्द्र सिंह और बच्चे के पिता बस से हरियाणा के लिए रवाना हुए। बच्चा पानीपत के सेक्टर 1713 के थाने में था। वहां की पुलिस ने औपचारिक कार्रवाई करने के बाद 19 जून (गुरुवार) को बच्चा पाली पुलिस को सौंप दिया। वहां से बेटे को लेकर पिता और पुलिस 20 जून को पाली पहुंचे। गले मिलकर मां और दादा खूब रोए, बोले- क्यों चला गया था
बच्चे को पुलिस सदर थाने लेकर गई। वहां परिजन मौजूद थे। बेटे को सकुशल देख मां अपने आंसू नहीं रोक पाई। दादा भी फूट-फूटकर रोए। मां ने बेटे को गले लगाकर कहा- क्यों चला गया था? घर आ जाता तो कुछ नहीं कहते। कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता? दादा ने पुलिस का आभार जताया। सदर थाने के सब इंस्पेक्टर शिवनारायण ने कहा- अब बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपा जाएगा। आवश्यक कार्रवाई के बाद समिति बच्चे को परिजन को सौंप देगी। इस पूरे मामले में पाली के समाजसेवी गजेंद्र सिंह मंडली परिवार के साथ एक्टिव रहे। परिवार ने बच्चा मिलने के बाद पुलिस और गजेंद्र का आभार जताया।