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अलवर में पिछले दिनों समाने आए क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल कॉइन में निवेश को लेकर कोतवाली थाने में दर्ज मामले में दोनों पक्षों ने पुलिस का समझाइश रिपोर्ट दी है। आपसी सुलह करते हुए कहा कि हमारा किसी तरह का ठगी का मामला नहीं था। एक दूसरे पर लेन-देन की वजह चल रहे विवाद के कारण ठगी जैसे आरोप लगाए गए थे। अब दाेनों पक्षों में सुलह हो गई। जिसकी पुलिस को भी रिपोर्ट दे दी है।
हीना व राजेश सैनी ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप – जैसे लोगों को दुबई ले जाकर डिजिटल कॉइन में निवेश करवाना, भारी मुनाफा देने का झांसा देना आदि – पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि यह एक आपसी लेन-देन से जुड़ा मामला था। हीना पर लगाए आरोप गलत मामले में हीना सैनी ने थाने में अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन, बेबुनियाद और झूठे हैं। उन्होंने किसी प्रकार की कोई ठगी नहीं की। सुलह रिपोर्ट में भी यह बात दर्ज है कि हीना सैनी की भूमिका पूरी तरह निर्दोष रही और उन्हें झूठे आरोपों में घसीटा गया। हीना सैनी को लेकर फैलाई गई अफवाहें भी पूरी तरह झूठ हैं। पुलिस को सौंपी गई आपसी सुलह रिपोर्ट
पुलिस को सौंपी गई लिखित रिपोर्ट में दोनों पक्षों ने यह साफ-साफ कहा है कि अब उनके बीच कोई विवाद शेष नहीं है और न ही कोई ठगी का मामला है। सभी मामलों को आपसी समझदारी और बातचीत के माध्यम से सुलझा लिया गया है। पूर्व में ब्लैकमेलिंग के मामले पहले से दर्ज थे राजेश कुमार सैनी व हीना सैनी ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही प्रदीप कुमार सोलंकी, रामकिशोर यादव, बृजेश सैनी और संगीता मीणा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, मानसिक प्रताड़ना और धनवसूली के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसके जवाब में उनके खिलाफ भी झूठे केस दर्ज कराए गए। अब दोनों पक्षों ने आपसी बातचीत से सभी मामलों को सुलझाने का निर्णय लिया है, और विवाद खत्म करने के लिए सुलह पत्र पुलिस को सौंप दिया गया है। पूर्व में दर्ज मुकदमों की स्थिति
इस विवाद के दौरान कोतवाली, अरावली विहार और सिकंदरा थाना क्षेत्रों में और अन्य पक्षकारों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए गए थे। अब सभी पक्षों ने इन मामलों को आपसी सहमति से समाप्त कर लिया है।

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