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खनिज विभाग की तरफ अवैध खनन को लेकर एक जांच की गई थी। जिसमें पता लगा है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध खनन डीग जिले में हो रहा है। सिर्फ 12 लीज धारकों ने 180 करोड़ का पत्थर अवैध खनन कर पहाड़ों से निकाल लिया है। यह कार्रवाई सीएम के निर्देश के बाद हुई है। इतने दिन चल रहे अवैध खनन को खनिज विभाग नजरअंदाज करके बैठा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि खनिज विभाग के अधिकारी और कुछ नेता अवैध खनन माफियाओं से मिले हुए हैं। सीएम के निर्देश के बाद हरकत में आया विभाग सीएम भजन लाल शर्मा ने डीग कलेक्टर सहित खनिज विभाग की वीसी के जरिए एक मीटिंग हुई थी। जिसके बाद डीग जिले का प्रशासन हरकत में आया और पहाड़ी इलाके में जाकर हरियाणा को मिलाने वाले अवैध रास्तों को काटा। अवैध खनन माफियाओं ने पहाड़ी इलाके में छपरा, धौलेट, नांगल में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया था। अवैध खनन माफियाओं ने पहाड़ों को 200 फ़ीट गहराई तक खोद दिया है। सीएम के निर्देश के बाद निदेशालय स्तर पर एक विशेष जांच दल भरतपुर, डीग, सवाईमाधोपुर, करौली, बूंदी जिले में जांच करने पहुंचा था। इन सभी इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध डीग जिले में पाया गया। 12 लीज धारकों ने 180 करोड़ का अवैध पत्थर निकाला योगेंद्र सिंह पर 1.20 लाख टन मेसेनरी स्टोन के रवन्नाओं का दुरुपयोग करने पर 5.30 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। रोशन लाल के 21,354 टन रवन्नाओं के दुरुपयोग करने पर 96 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। मंजीत सिंह के 88,102 टन खनिज का बिना रवन्नाओं के निर्गमन करने पर 3.96 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। धौलेट में राजेश बंसल के 2,11,973 टन खनिज के निर्गमन में रवन्नाओं का दुरुपयोग करने पर 9.54 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। बृजलाल के बिना रवन्नाओं के 37,680 टन खनिज निर्गमन करने पर 1.70 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। गौरव बंसल के 11.87 लाख टन खनिज का बिना रवन्नाओं के अवैध निर्गमन करने पर 53.42 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। प्रदीप गुप्ता के 6.92 लाख का अवैध खनन बिना रवन्नाओं के निर्गमन किए जाने पर 27.01 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। अभिषेक की ओर से 6.80 लाख टन का अवैध खनन का निर्गमन बिना रवन्नाओं के किए जाने पर 30.61 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। इसी प्रकार नांगल क्षेत्र के पट्टाधारी मैसर्स जीटीसी एंड कंपनी की ओर से 3.84 लाख टन का अवैध खनन पट्टे से बाहर करने पर 17.29 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। मैसर्स एचटीसी कंपनी के पट्टे से बाहर 3.04 लाख टन अवैध खनन करने पर 13.71 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। सरहद जैमन और खनन पट्टा के बीच गैप क्षेत्र में 2.03 लाख का अवैध खनन करने पर 9.14 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। इसी प्रकार एक अन्य गैप क्षेत्र में 1.66 लाख का अवैध खनन पाए जाने पर 7.50 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। इसके अलावा शुभ लाभ स्टोन क्रशर की ओर से 3479 टन अवैध खनिज निर्गमन करने पर 15.66 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। खनिज अभियंता की रही लापरवाही रिपोर्ट में खनिज विभाग के स्थानीय अधिकारियों का भी रिपोर्ट में गंभीर नहीं हो पाया गया है। इसमें कहा है कि खान विभाग के अधिकारियों की ओर से अभियान प्रारंभ होने के उपरांत भी मुख्यमंत्री के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद भी गंभीरता से नहीं लिया गया है। चेतावनी दी गई है कि अगर इतने व्यापक पैमाने पर अवैध खनन पाया जाता है तो खनिज अभियंता व अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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