अलवर शहर में कटी घाटी के पास गोल्डन बाग वाटर पार्क में बच्चे के डूबने का CCTV सामने आ गया। बालक करीब एक से डेढ़ मिनट तक पानी में तड़पता रहा। खुद ही बचने का प्रयास करता रहा। लेकिन कोई उसे बचाने नहीं आया। यही नहीं डूबने के बाद करीब 30 मिनट पानी में पड़ा रहा। किसी ने ध्यान नहीं दिया। जब एक व्यक्ति पानी में स्वमिंग कर रहा था तब उसके शरीर पानी में डूब रहे बालक की बॉडी को छुआ। उसके बाद वह गार्ड के पास आया कि पानी में कुछ पड़ा हुआ है। इसके बाद पता चला यह किसी बालक की बॉडी है। उसके बाद शव को बाहर निकाला गया। तब शव की पहचान नमन राजपूत निवासी झारेड़ा के रूप में हुई। जो अपनी मां व दो भाइयों के साथ वाटर पार्क में आए थे। घटना के दिन मृतक के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। वाटर पार्क संचालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गई। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। वाटर पार्क अगले दिन ही पहले की तरह चालू हो गया। दोपहर बाद 3:44 बजे की घटना वाटर पार्क पर लगे CCTV के अनुसार यह घटना दोपहर बाद 3:44 बजे की है। बालक पूल की दीवार से कूदा है। उसके बाद वह अकेला ही पानी में डूबने से बचने के प्रयास करता रहा। कुछ ही दूरी पर करीब 10 से 12 बच्चे व बड़े भी नहा रहे थे। लेकिन उनमें से किसी का ध्यान नहीं गया। नमन करीब 1 मिनट तक पानी में तड़पता रहा। मतलब खुद ही बचने के प्रयास करता रहा। लेकिन उसे बचाने कोई नहीं आया। आखिर व एक मिनट बाद डूब गया। उसका शव पानी के अंदर चला गया। करीब 30 मिनट तक मृत पड़ा रहा डूबने के बाद बालक करीब 30 मिनट तक मृत ही पड़ा रहा। उसका शव भी पानी के अंदर था। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जब कोई दूसरा व्यक्ति पानी में स्विमिंग करता हुआ निकला तो बालक का शव उसके शरीर को छुआ। तब उसे लगा कि पानी में कुछ पड़ा हुआ है। उसके बाद व्यक्ति ने पूल के गार्ड केा सूचना दी। तब गार्ड वहां आया। उसके बाद देखा तो बालक का शव निकला। तब तक परिजनों को भी पता नहीं था। वे चेंजिंग रूम में गए हुए थे। उसके बाद बॉडी को देखकर मामम छा गया। जिस गार्ड ने बाहर निकाला, उसकी जुबां से जानिए मेरा नाम रितिक है। मैंने जो देखा वो बताता हूं।ेक वो बालक दीवार से कूदा है। मुझे एक ग्राहक ने कहा था कि पानी में कुछ अड़ा है। उसके बाद पूल में आकर देखा तो बालक मृत मिला। बालक करीब 25 से 30 मिनट तक पानी में पड़ रहा है। मेरी उस दिन तबीयत ढिली थी। मैं वाशरूम में चला गया था। उस समय करीब 15 से 20 जने केवल 20 मीटर दूरी पर नहा रहे थे। मैं दूसरे गार्ड को बोलकर भी गया था। लेकिन वो भी इधर नहीं आया। उनका भी ध्यान नहीं गया। बालक के मां-पिता भी चेंजिंग रूम में चले गए थे। वे भी काफी देर तक वापस नहीं आए थे। अगले दिन पहले की तरह चालू हो गया पूल बच्चे के डूबने के बावजूद अगले दिन पहले की तरह पूल चालू हो गया। प्रशासन को कोई परवाह नहीं है। जबकि परिजनों ने पूल पर मिली लापरवाही के खिलाफ रिपोर्ट दी है। अस्पताल के सामने धरना भी दिया। मृत बालक 30 मिनट तक पूल में पड़ रहा। किसी ने ध्यान नहीं दिया। न कोई बचाने आया। यह सब सीसीटीवी के जरिए सामने आ गया। उसके बावजूद अगले दिन पूल पहले की तरह चालू मिला। इस मामले में प्रशासन के अधिकारी चुप हैं। अलवर में स्विमिंग पूल में डूबने से बच्चे की मौत:माता-पिता और भाइयों के साथ आया था वाटर पार्क; परिजन बोले- गार्डों ने की बदसलूकी