राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमैस) के अधीन चित्तौड़गढ़ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉक्टर टीचर्स सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। उन्होंने दिन भर कार्य का बहिष्कार किया। चिकित्सक शिक्षकों की मांग है कि राजमैस के तहत कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों के लिए भी राजस्थान सेवा नियमों (आरएसआर) को लागू किया जाए। सोमवार को चित्तौड़गढ़ मेडिकल कॉलेज के राजमैस के करीब 21 डॉक्टर टीचर्स ने सामूहिक हड़ताल पर जाने के साथ ही काम का बहिष्कार किया। एक दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर टीचर्स ने जिला कलेक्टर आलोक रंजन से मिलकर अपनी मांगे बताई थीं। चिकित्सा शिक्षकों ने किया काम का बहिष्कार मेडिकल कॉलेज चित्तौड़गढ़ के प्रिंसिपल डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र में यह घोषणा की थी कि राजमैस के तहत कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों के लिए भी राजस्थान सेवा नियमों (आरएसआर) को लागू किया जाएगा। यह घोषणा सिर्फ नव नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों पर ही लागू की जाएगी। वर्तमान में जो कभी कार्यरत डॉक्टर टीचर्स है, उन पर यह नियम लागू नहीं होंगे। हालांकि कुछ चाहते हैं कि सिस्टम जो चल रहा है वही चले जबकि कई डॉक्टर टीचर्स इस घोषणा से सहमत नहीं हैं। मेडिकल कलेक्टर के चार डॉक्टर को छोड़कर बाकी सभी डॉक्टर्स ने काम का बहिष्कार किया। कुछ सुविधाएं तो बहुत कुछ कमियां बता दें कि मेडिकल फिल्ड को तीन ग्रुप्स में बांटा गया है। ग्रुप-1 के तहत जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा और उदयपुर मेडिकल कॉलेज आते हैं। इसके अंतर्गत डॉक्टर टीचर्स का सलेक्शन आरएसआर द्वारा किया जाता है। इसी तरह, ग्रुप-2 के तहत राजस्थान के सभी जिलों के हॉस्पिटल, सीएचसी, पीएचसी आते हैं। इसके भी डॉक्टर टीचर्स आरएसआर द्वारा सेलेक्ट किए जाते हैं। लेकिन ग्रुप-3 के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर टीचर्स का सलेक्शन राजमेस द्वारा होता है। इसमें डायरेक्ट एंट्री होती है। इसके अंतर्गत आने वाले डॉक्टर टीचर्स की सैलरी बाकी दोनों ग्रुप के चिकित्सक शिक्षक से कम होती है। पीएल इंकेसमेंट नहीं मिलता, डीए नहीं मिलता, पेंशन नहीं मिलती है, सर्किट हाउस में रुकने की परमिशन नहीं होती है, किसी चिकित्सक शिक्षक की मौत पर अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं होती है। इस ग्रुप के अंतर्गत आने वाले चिकित्सा शिक्षकों को प्रमोशन जल्दी मिलता है। इनका इंक्रीमेंट भी साल में 10 प्रतिशत के हिसाब से मिलता है। ग्रुप-3 के अंतर्गत आने वाले चिकित्सक शिक्षकों की मांग है कि उन्हें राजमेस और आरएसआर की सुविधाएं मिले। संचालित मेडिकल कॉलेज के लिए फैकल्टी नहीं, पांच नए मेडिकल कॉलेज की हो रही तैयारी अभी राजस्थान में संचालित हो रहे 17 मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। सरकार अभी तक इन कमियों को दूर नहीं कर पाई है। लेकिन पांच और नए मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी की जारी है। बांरा, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, नागौर और बांसवाड़ा में नए कॉलेज मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। वहां के लिए भी सरकार के पास ना तो फैकल्टी है और ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर है। हेल्थ मिनिस्टर ने अपनी बजट घोषणा में 1520 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की घोषणा की है, लेकिन उन्हें कब तक भरा जाएगा, इसकी सूचना भी अभी तक जारी नहीं की गई है।