कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर में डिप्टी सीएम दीया कुमारी के दौरे को लेकर निशाना साधा है। डोटासरा ने कहा कि राजतंत्र के लोग यहां लोकतंत्र सीखने आए हैं। बीजेपी आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर काला दिवस मना रही है, जबकि RSS के बालासाहब ने खुद इंदिरा गांधी के इस फैसले का स्वागत किया था। इंदिरा गांधी ने इस फैसले के लिए माफी भी मांगी थी। डोटासरा ने कहा कि दीया कुमारी के पिता भवानी सिंह स्वयं कांग्रेस की टिकट पर जयपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज भी अगर उनके घर में भवानी सिंह की फोटो लगी है तो साथ में इंदिरा गांधी की भी फोटो हो सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी गंगे-माते जैसे अभियान चलाती है और श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गोलवलकर जैसे लोगों के नाम पर कार्यक्रम करती है, जिन्होंने देश की आजादी में उंगली तक नहीं कटाई। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है और चुनाव आयोग सहित अन्य सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। डोटासरा ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, इस पर भाजपा को जवाब देना चाहिए। आपातकाल था देश का काला अध्याय
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने आपातकाल के 50 साल पूरा होने पर इसे देश के लिए काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय आवाज उठाने वालों को जेल में बंद करने का काम कांग्रेस सरकार ने किया। बुजुर्गों और युवाओं को उठाकर जेल में बंद कर दिया गया। उनका दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने कांग्रेस की गलतियों के खिलाफ आवाज उठाई। देश की जनता को आजादी बड़ी लड़ाई के बाद मिली थी, लेकिन कांग्रेस ने कुर्सी की लालसा में आपातकाल का अध्याय लिख दिया। मेरे पिता महावीर चक्र विजेता को भी डाला जेल में
दीया कुमारी ने कहा कि मेरे पिता जो महावीर चक्र विजेता थे, उन्हें भी जेल में डाला गया और गायत्री देवी ने विरोध किया तो उन्हें भी प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ गांधी परिवार की चिंता है। यह वह पार्टी है जो अगर दोबारा मौका मिले तो वापस से आपातकाल ला सकती है। आज लोकतंत्र के सेनानियों की आंखों में आंसू देखे, हम सब लोग कभी नहीं भूल सकते कि उस समय कैसा काला दिन था, जब लोकतंत्र की हत्या हुई और निर्दोषों को जेल में डाला गया। किसने संविधान का मुंह बंद किया
कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ रैली पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सबको मालूम है किसने संविधान का मुंह बंद किया और किसने अपमान किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का इंदिरा गांधी ने पालन नहीं किया और हर वर्ग का गला घोटने का काम किया। आज देश का संविधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है।

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