सीएम को सीकर में काले झंडे दिखाने के आरोप में NSUI जिलाध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई कांग्रेस नेता धरने पर बैठ गए। डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं ने गुरुवार को डीजीपी यूआर साहू से मुलाकात की। डीजीपी के आश्वासन से संतुष्ट नहीं होने पर ये सभी नेता डीजीपी ऑफिस के बाहर बैठ गए। डोटासरा ने वहीं से सीकर एसपी को फोन करके खरी-खोटी सुनाई। डोटासरा ने SP से कहा- गिरफ्तार NSUI जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा के साथ ऐसे पेश आ रहे हैं, जैसे वो हत्या अथवा रेप का आरोपी हो। डोटासरा ने SP से कहा- झंडा दिखा दिया तो क्या बात हो गई? अब आप सुन लो, सीएम अगर सीकर में आएंगे तो गोविंद सिंह डोटासरा, राजेंद्र पारीक, हाकम अली और हम सब झंडे दिखाएंगे। आप कर लेना हमारी गिरफ्तारी। सीएम राजस्थान में जहां भी जाएंगे, हम झंडे दिखाएंगे। ‘सीएमओ कह रहा है इनकी कुटाई करो’
डोटासरा ने सीकर एसपी को फोन पर हड़काते हुए कहा- आप सीएमओ से गाइड हो रहे हो। सीएमओ कह रहा है इनकी कुटाई करो, इन्हें मुर्गा बनाओ। इसे दो दिन तक कोर्ट में पेश मत करो, इसके भाई के खिलाफ मुकदमा कराओ। आप 200 पुलिसकर्मी तस्दीक कराने जा रहे हो, उसके हाथ बांधकर उसका जुलूस निकाल रहे हो। आप अपनी नौकरी के चक्कर में कानून की धज्जियां उड़ा रहे हो। आप उसे दो दिन से टॉर्चर कर रहे हो। आपने उसके भाई-मामा को उठा लिया। गहलोत बोले- सरकार के दबाव में काम कर रही पुलिस
वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले में X पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा- सीकर में मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने वाले जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा को गिरफ्तार कर उनके साथ गंभीर प्रकृति के अपराधियों जैसा व्यवहार करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। इसी प्रकार, बीकानेर में 6 लोगों की मृत्यु पर मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे पीसीसी सचिव रामनिवास कूकना के घर एक IPS अफसर के नेतृत्व में पुलिस दल गया। वहां कुछ न मिलने पर उनके खेत से पुलिस ने ट्रांसफार्मर उतार लिया। उनकी पारिवारिक डेयरी को सील कर दिया। यह दिखाता है राजस्थान की पुलिस भाजपा सरकार के दबाव में आकर कानून से बाहर जाकर कार्रवाई कर रही है। मैं राजस्थान सरकार, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से आग्रह करता हूं कि ये अलोकतांत्रिक कार्रवाई अविलंब रोकी जाएं। आज पीसीसी में हमने इस पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है, जिससे पुलिस-प्रशासन को संदेश ले लेना चाहिए। सीएम के काफिले में घुसकर दिखाए थे काले झंडे
दरअसल, 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सीकर दौरे के दौरान NSUI जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने जयपुर रोड पर काफिले में घुसकर काले झंडे दिखाए थे। इस घटना के बाद 23 अप्रैल को उन्होंने उद्योग नगर पुलिस थाने में आत्म-समर्पण कर दिया था। इसके बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय नागा ने कहा था- ‘भाजपा सरकार अंग्रेजों की तरह तानाशाही कर रही है।’ गृह राज्यमंत्री का पलटवार- यह गुंडई भाषा है
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने डोटासरा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ पूरा देश आतंकी हमले से दुखी है, दूसरी तरफ डोटासरा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए डीजीपी ऑफिस में धरने पर बैठकर बयानबाजी कर रहे हैं। आपने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अब शेखावाटी आकर दिखाएं, यह तो आपकी गुंडई भाषा है। इस तरह की भाषा मेरे हिसाब से आपके कद को बढ़ाती नहीं है। आज राजस्थान की जनता आपके बयान पर थू-थू कर रही है। जिस एनएसयूआई के कार्यकर्ता को पकड़ा है, वह मुख्यमंत्री के काफिले के बीच में आकर व्यवधान पैदा कर रहा था। आप वो दिन भूल गए, जब आपके सरकारी आवास के बाहर नाथी का बाड़ा लिखने पर आपने किस तरह से उन युवाओं के घरों पर दबिश डलवाई थी, जैसे वो डकैत हो। कोई भी व्यक्ति कानून के विरुद्ध कोई काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो कार्यकर्ता आपका हो या हमारा हो।