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ब्लड डोनेशन कैंप के ​जरिए इकट्ठा होने वाले ब्लड और उसे डोनेट करने वाले व्यक्ति का ऑनलाइन डेटा सरकार के पास हाेगा। ये डेटा कैंप के साथ ही रियल टाइम में अपडेट किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कैंपों में डोनेट होने वाले ब्लड को चोरी छिपे बेचा न जा सके। इसके अलावा कैंप से ब्लड को नजदीक ब्लड बैंक पर ले जाने की जो व्यवस्था रहेगी उसे जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा। दरअसल, पिछले डेढ़-दो साल में कुछ ऐसे मामले सामने आए है, जब सामाजिक कार्यक्रमों और राजनेताओं, समाज सेवकों के जन्मदिवस, जयंती या पुण्यतिथि पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कर सैकड़ों यूनिट ब्लड लेकर उसे चोरी छुपे बेच दिया जाता था। इसके बाद ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए एक एप और अन्य सिस्टम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे पिछले दिनों फाइनेंस डिपार्टमेंट ने मंजूर किया है। डीओआईटी के ​जरिए तैयार होगा एप ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया- हम डीओआईटी के जरिए एक एप बनवा रहे है, जिसे हम हेल्थ डिपार्टमेंट के इं​टीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (IHMS) से इंटर कनेक्ट करेंगे। ताकि इस एप पर अपलोड होने वाला तमाम डेटा IHMS पोर्टल पर भी अपलोड हो सके और उसे देखा जा सके। इस एप में हम राज्य के तमाम ब्लड बैंक, एनजीओ और सामाजिक संगठन जो ब्लड डोनेशन कैंप लगाते है उनकी जानकारी अपलोड करेंगे। ब्लड डोनर का तैयार होगा एरिया वाइज डेटा अजय फाटक ने बताया- इस एप का उपयोग इन एनजीओ, सा​माजिक संगठनों और ब्लड बैंकों के स्टाफ को करना होगा, जो कैंप में शामिल होगा। कैंप में डोनेट करने के लिए आने वाले हर व्यक्ति का नाम, नंबर और उसका ब्लड ग्रुप की जानकारी और उसके द्वारा डोनेट किए गए ब्लड की मात्रा को इसमें रियलटाइम अपलोड करना होगा। इससे ये फायदा होगा कि हमे रियल टाइम कैंप की जानकारी मिलती रहेगी और जिस एरिया में ये कैंप लगा है वहां के आसपास के ब्लड डोनर और उनका ब्लड ग्रुप की जानकारी का डेटा भी हमारे पास आ जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर ये पता चल सके कि रेयर ब्लड ग्रुप (ओ पॉजिटिव, ओ नेगेटिव इत्यादि) का पता रहे कि कौन कहा रहता है। जरूरत पड़ने पर उसे ब्लड डोनेट के लिए संपर्क कर सके। जीपीएस के जरिए होगी मॉनिटरिंग फाटक ने बताया- कैंप में ब्लड कंटेनरों को हम भविष्य में जीपीएस सिस्टम से भी कनेक्ट करवाएंगे और उसे इस एप के ​जरिए जोड़ेंगे। ताकि कैंप का ब्लड एकत्र होने पर उसे कहां ले जाया जा रहा है इसकी रियल टाइम लोकेशन ट्रैक की जा सके। ब्लड बैग पर लगेगा क्यूआर कोड ड्रग कंट्रोलर ने बताया- हर ब्लड बैग पर हम क्यूआर कोड जनरेट करके उस पर चिपकाएंगे, ताकि उस बैग में मौजूद ब्लड की तमाम डिटेल उस क्यूआर कोड के जरिए मिल सके। अभी ब्लड बैग में कई बार अदला-बदली के कारण गलत ब्लड लोगों के चढ़ जाता है, इसके भी कई मामले सामने आ चुके है।

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