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तस्कर नारायणसिंह को होटल से पकड़ा एमपी से मारवाड़ करता था अफीम सप्लाई

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भास्कर न्यूज | बाड़मेर जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमा की साईक्लोनर टीम ने दूसरे दिन भी अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के एक कुख्यात तस्कर को धर दबोचा है। मध्यप्रदेश से मारवाड़ के बाड़मेर, बालोतरा, जालोर, जोधपुर में अफीम की सप्लाई कर मोटी रकम कमाता था। पिछले कई सालों से चल रहे अवैध अफीम के इस कारोबार में कई बार तस्कर नारायणसिंह का नाम सामने आया, लेकिन बच कर भाग जाता था। पुलिस ने इसे पकड़ने के लिए ऑपरेशन रामायण चलाया। बाड़मेर के एक होटल में अफीम की बकाया वसूली के लिए आया था, लेकिन साइक्लोनर टीम को उसकी भनक लगी और होटल में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि खुद को पुलिस से बचाने के लिए वह पत्नी का फोन लेकर आया था। उसे भी मध्यप्रदेश से बाड़मेर पहुंचने तक अधिकांश समय उसने मोबाइल को बंद ही रखा। 40 हजार रुपए का इनामी तस्कर नारायणसिंह पुत्र भारतसिंह निवासी राणायरा जिला रतलाम मध्यप्रदेश निवासी है। आरोपी मध्यप्रदेश से अफीम दूध की बाड़मेर तक सप्लाई करने का मास्टरमाइंड है। यहां तस्करी के कई मामलों में वांछित है। पूर्व में आरोपी सीधे बाड़मेर के तस्करों को ही माल सप्लाई करता था, लेकिन बिचौलिए तस्कर पैसे देने में कंजूसी करते थे, इस वजह से यहां दो-तीन बार आया तो पता चला कि वहां से 50 हजार रुपए के खरीदे माल के यहां सीधे एक लाख रुपए में खरीद रहे है। ऐसे में यहां नेटवर्क बनाया तो यहां के स्थानीय तस्करों की नजर में खटकने लगा। दोस्तों के साथ ग्रुप बनाकर 2-3 बार बाड़मेर के ग्रामीण इलाकों में अफीम की खेप पहुंचाई। सदर थाना पुलिस ने आरोपी के गुर्गों को मध्यप्रदेश से लाई नशे की खेप के साथ पकड़ लिया था। इसके बाद नागाणा थाना इलाके में एक खेप इसी आरोपी ने भेजी थी। गुर्गे पकड़े गए तो खुद सप्लाई में जुट गया। साइक्लोनर टीम आरोपी की तलाश में मेवाड़ और उससे लगे मध्यप्रदेश के इलाकों में भी गई, लेकिन नारायणसिंह नहीं मिला। नारायणसिंह बाड़मेर में अफीम तस्करी के बकाया रुपए वसूलने के लिए मध्यप्रदेश से बाड़मेर के लिए रवाना हुआ। पुलिस के डर से आरोपी मोबाइल साथ में नहीं रखता था। आरोपी की पत्नी ने कहा कि खुद गाड़ी लेकर जा रहे, कोई समस्या हो जाए इसलिए मेरा मोबाइल साथ ले जाओ। आरोपी पत्नी का मोबाइल साथ ले आया। बाड़मेर पहुंचने से पहले आरोपी नारायणसिंह की गाड़ी के आगे सुअर आ जाने से हादसा हो गया। इससे गाड़ी का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। गाड़ी को ठीक करवाने के लिए मिस्त्री से बात के लिए पत्नी का मोबाइल खोला था। साइक्लोनर टीम के राडार पर था। ऐसे में पुलिस को नारायणसिंह की पत्नी के मोबाइल की लोकेशन बाड़मेर में होने की भनक लगी। टीम एक्टिव हुई और आरोपी के पीछे लग गई, लेकिन कुछ समय बाद आरोपी ने मोबाइल बंद कर दिया। पुलिस तलाश करते हुए बाड़मेर के सिणधरी चौराहा के पास एक होटल पर पहुंची, जहां आरोपी की मध्यप्रदेश नंबर की ए​क्सीडेंट गाड़ी खड़ी दिखाई दी। साइक्लोनर टीम आरोपी का इंतजार करती रही। नारायणसिंह किसी खास आदमी का होटल में इंतजार कर रहा था। जब बालकॉनी से नारायणसिंह ने उसके खास आदमी को ऊपर आने का इशारा किया तो साइक्लोन टीम ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। ऑपरेशन में कांस्टेबल गोपाल जाण की विशेष भूमिका रही। वहीं टीम में कन्हैयालाल, प्रमीत चौहान, देवाराम विश्नोई, महिपालसिंह, मनीष परमार, अशोक कुमार, झुमरराम, रोहिताश कुमार, जोगाराम, राकेश कुमार, किशोर, देवाराम, पीराराम शामिल रहे।

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