भरतपुर प्रशासन गरीबों के मकान हटाकर उन जगहों को अपने मुताबिक लोगों को बेच रहा है। शहर की विजय नगर, देव नगर और जसवंत नगर कॉलोनी में प्रशासन ने 150 सौ मकान मालिकों को मकान तोड़ने के नोटिस दे दिये हैं। प्रशासन का कहना है की यह सभी मकान स्कीम नंबर-13 में आ रहे हैं। मकान के मालिक लगातार प्रशासन का विरोध कर रहें हैं। लोगों का कहना है कि वह मर जायेंगे लेकिन, मकान से नहीं निकलेंगे। उन्होंने वह मकान जीवन भर की खून पसीने की कमाई से बनाये हैं। अब प्रशासन उन्हें अवैध बता रहा है। लोगों के पास मकान की रजिस्ट्री भी है। सरकार ने बनाये मकान प्रशासन तोड़ रहा विजय नगर कॉलोनी के रहने वाले नेमी चंद ने बताया की कॉलोनी में लोग साल 2002 से भी पहले रह रहे हैं। लोगों के पास मकानों के एग्रीमेंट हैं। रजिस्ट्री हैं। घर में बिजली का मीटर लगा हुआ है। पानी का कनेक्शन है। इसके साथ ही कुछ लोगों के मकान तो आवास योजना के तहत भी बने हुए हैं। अब प्रशासन ने करीब 8 दिन पहले हमारे मकान तोड़ने के नोटिस दिये हैं। कॉलोनी में पीएम आवास योजना से 7 मकान बने हुए हैं। उन मकानों को तोड़ने के लिए भी प्रशासन ने नोटिस दिये हैं। यह कॉलोनी करीब 1990 से बसी हुई है। हम अधिकारियों के पास गए उन्होंने हमसे कहा है की तुम्हारे मकान नहीं तोड़े जायेंगे लेकिन, हमें लिखित में कोई आश्वाशन नहीं दिया है। इसलिए हमें अधिकारियों की बात पर विशवास नहीं है। 50 साल से लोग रह रहे मकानों में बुजुर्ग महिला अमीरा ने बताया की अगर हमारे मकान टूट जाते हैं तो, हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। हमें मकान में रहते हुए करीब 50 साल हो चुके हैं। प्रशासन ने लोगों को मकान खाली करने के लिए कहा है। इसके बारे में जब अधिकारियों से मिले तो, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मकानों की रजिस्ट्री उसके बाद भी मिला नोटिस विजय नगर कॉलोनी की रहने वाली महिला मीरा ने बताया कि 8 दिन पहले प्रशासन के अधिकारी घरों के बाहर नोटिस लगाकर गए हैं। जब हमने अधिकारियों से पूछा तो, उन्होंने कहा कोर्ट में जाकर इसकी जानकारी कर लो। ज्यादा पूछने पर अधिकारियों ने बताया की हमारे मकान तोड़े जायेंगे। क्योंकि यह जमीन स्कीम नंबर-13 में आ गई है। हमें यहां रहते हुए करीब 35 साल हो गए हैं। कुछ लोगों पर रजिस्ट्री और कुछ लोगों पर इकरारनामा है। हमे छोटे बच्चे हैं। उन्हें लेकर हम कहां जायेंगे। अधिकारी सभी घरों पर नोटिस चिपका कर गए हैं। प्रशासन हमें कोई मुआवजा देने की भी नहीं कह रहे। अब नेताओं से लोग लगा रहे गुहार विजय नगर कॉलोनी के रहने वाले सुरेश ने बताया की हमें नोटिस मिलने के बाद हम लोग सांसद संजना जाटव से मिले थे। राज्यपाल से मिलने गए तो, उनसे हमें मिलने नहीं दिया गया। हम लोगों ने एक-एक पैसा जोड़कर मकान बनाये थे। विजय नगर, जसवंत नगर और देव नगर कॉलोनियों में नोटिस दिए गए हैं। इसके लिए हमें 7 दिन का समय दिया था। कई लोगों के पास साल 1994 की रजिस्ट्री हैं। अब प्रशासन के अधिकारी यह कह रहे हैं की यहां से जाओ। प्रशासन 3 सौ लोगों को नोटिस दे चुका है।