अपने तीन बेटों का अंतिम संस्कार करते समय पिता की हालत बिगड़ गई। परिजन और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। पाली के पेमाराम राठौड़ के तीनों बेटे हैदराबाद में गोदावरी नदी में डूब गए थे। मां का कहना है कि बेटे साढ़े 5 फीट पानी में डूबे। उनकी सांसें चल रही थीं, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिला। पाली से 17 किलोमीटर दूर ढाबर गांव में पेमाराम के तीनों बेटों और एक भांजे का अंतिम संस्कार किया गया। पिता पेमाराम तीनो बेटों को मुखाग्नि देते समय फूट-फूट कर रोए। मां बोली- अब किसका मुंह देखूंगी
मां सोनादेवी का घर में रो-रो कर बुरा हाल है। उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उसके तीनों बेटे इस दुनिया में नहीं हैं। बेटों की मौत के बाद से उसने एक निवाला नहीं खाया। बोलीं- तीनों बेटे ही मेरी जिंदगी थे। अब वह नहीं रहे तो मैं जीकर क्या करूंगी। कोई मेरे बेटों को लौटा दे। मेरा तो एक भी बेटा नहीं बचा। अब किसका मुंह देखूंगी। रोते हुए सोनादेवी ने बताया- डॉक्टरों ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया। वर्ना मेरे दो बच्चों और मेरी बहन के बच्चे की जान बच सकती थी। किसी ने मदद नहीं की। प्राइवेट हॉस्पिटल तक नहीं ले जाने दिया। इतना कहने के बाद सोनादेवी जोर-जोर से रोने लगीं। वे सिर्फ एक ही बात कह रही थीं- ईश्वर मुझे उठा ले लेकिन मेरे बच्चों को जिंदा कर दे। सोना देवी ने बताया- हम 21 लोग गए थे बसारा
घटना की चश्मदीद ढाबर (पाली) की रहने वाली सोना देवी ने बताया- मैं अपने तीनों बेटे भरत, राकेश, मदन, बहन के लड़के विनोद और पड़ोसियों के साथ कुल 21 लोग बसरा (तेलंगाना) के लिए ट्रेन से रवाना हुए थे। रास्ते में वीडियो भी बनाया था। सभी बहुत खुश थे। वहां पहुंचने के बाद पहले हम महिलाओं ने सरस्वती पूजन के बाद गोदावरी नदी में स्नान किया। वहां पानी करीब साढ़े पांच फीट ही था। बाहर आकर कपड़े बदले। भरत, राकेश, मदन, विनोद और रितिक साथ में नदी में हाथ पकड़कर नहा रहे थे। मेरी सहेली की बेटी मनीषा और शिवानी उनके नहाने का वीडियो बना रही थी। इतने में आवाज आई हेल्प-हेल्प मैं भी दौड़कर गई तो देखा कि सभी डूब रहे थे। नाव वालों ने तुरंत राकेश, मदन, विनोद और रितिक को नदी से निकाला। भरत नहीं मिला। बेटों की ऐसी हालत देख मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे। मैं उन्हें CPR दे रही थी, ताकि पानी बॉडी से बाहर निकले। एम्बुलेंस में भी पूरे रास्ते CPR देती रही। करीब 40 KM दूर सभी को अदिलाबादु (तेलंगाना) जिले के भैंसा स्थित सरकारी हॉस्पिटल ले गए। वहां हमारी सुनवाई नहीं हुई। डॉक्टर ही नहीं थे। करीब दो घंटे तक बच्चों का इलाज शुरू नहीं किया गया। रितिक को छोड़कर तीनों (राकेश, मदन, विनोद) की सांसें चल रही थीं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं। पुलिसवालों से मदद मांगी कि बच्चों को प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने में मदद करें, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी। करीब आधे घंटे बाद भरत को लाया गया और जांच क बाद सभी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अगर समय पर इनका इलाज शुरू कर दिया जाता तो शायद मेरे दो बेटे जिंदा होते। इस उम्र में मैं अपने तीनों बेटों को एक साथ नहीं खोती। अब मेरी लिए तो जिंदा रहना भी मुश्किल है। मेरे तीनों लाडले पढ़ाई में होशियार थे उनके बिना कैसे जिंदा रहूंगी। इतना कहते ही सोनादेवी एक बार फिर से जोर-जोर से रोने लगी। साथ बैठी महिलाओं ने उन्हें संभाला। लापरवाही से गई मेरी बेटों की जान, कार्रवाई हो
पिता पेमाराम राठौड़ ने कहा- मेरे घर से बसारा की दूरी करीब 250 KM है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके के लिए रवाना हो गए। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मेरे तीनों लाडले इस दुनिया से चले गए थे। उनकी बॉडी देख मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं। बस मन में एक ही सवाल था ईश्वर ने मेरे साथ ऐसा अन्याय क्यों किया? अगर हॉस्पिटल में समय पर इलाज शुरू हो जाता तो मेरे दो बेटे आज जिंदा होते। इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। एक सप्ताह पहले ही गए थे हैदराबाद
पाली जिले के रोहट तहसील के ढाबर गांव के मूल निवाी पेमाराम राठौड़ पिछले करीब 15-20 साल से हैदराबाद के चिंतल शाहपुर नगर में रह रहे हैं। पारिवारिक काम से वे परिवार सहित एक सप्ताह पहले ढाबर गांव आए थे। यहां से वापस जाते समय हाल ही में 12वीं पास कर नीट की तैयारी करने की इच्छा रखने वाले ढाबर गांव निवासी अपनी साली के लड़के विनोद पुत्र हीरालाल को भी साथ ले गए थे। उसे भी बच्चों के साथ घूमने के लिए भेजा था। पेमाराम ने कहा- मुझे क्या पता था कि ऐसा हादसा हो जाएगा वर्ना किसी को भेजता ही नहीं। 15 जून को राजस्थान के चार लड़कों की हुई थी मौत पाली जिले के ढाबर (रोहट) गांव निवासी पेमाराम राठौड़ के तीनों बेटे मदन, भरत, राकेश सहित उनकी साली का लड़का विनोद और परिचित रितिक की 15 जून को तेलंगाना के बसारा में गोदावरी नदी में डूबने से मौत हो गई थी। सभी वहां सरस्वती पूजन के लिए गए थे। इस दौरान नदी में नहाने के दौरान यहां हादसा हो गया था। ———– तेलंगाना में राजस्थान के युवकों की मौत की ये खबरें भी पढ़िए… डॉक्टर बनना चाहते थे तीन-भाई, डूबने से मौत हुई:दादा-दादी को पता नहीं पोते दुनिया में नहीं रहे; मरने से पहले परिवार के साथ आखिरी रील तेलंगाना के बसारा में गोदावरी नदी में डूबने से राजस्थान के 5 लड़कों की मौत हो गई, इनमें तीन भाई शामिल थे। तीनों भाइयों का डॉक्टर बनने का सपना था। एक भाई का इसी साल नीट क्लियर भी हो गया था। हादसे के बाद भास्कर रिपोर्टर मरने वाले तीन भाइयों के पाली के रोहट में गांव ढाबर पहुंचा। (पढ़ें पूरी खबर…) तेलंगाना की गोदावरी नदी में राजस्थान के 5 लोग बहे,मौत:पाली और नागौर का परिवार नहाने उतरा था; मृतकों में तीन सगे भाई भी तेलंगाना के बसारा में गोदावरी नदी में डूबने से राजस्थान के 17 साल के लड़के समेत 5 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन सगे भाई सहित 4 पाली और एक नागौर के रहने वाले थे। हादसा रविवार (15 जून) को हुआ। गोताखोरों की मदद से देर शाम शव निकाले गए थे। (पढ़ें पूरी खबर…)
