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जयपुर जिला परिषद में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 और 2013 में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। वर्ष 2017 से 2019 के बीच हुई नियुक्तियों में नियमों की अवहेलना करते हुए निर्धारित पदाें से 131 पर अधिक भर्ती कर ली गई। मामले में ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव व शासन उप सचिव 2021 से अब तक 13 बार पत्र जारी कर जिला परिषद से भर्तियों का रिकॉर्ड मांग चुके हैं, लेकिन अब तक नहीं दिया गया चौंकाने वाले बात यह है कि परिषद में संबंधित भर्ती का रिकॉर्ड ही नहीं है। आखिर किन-किन पात्र शिक्षकाें काे भर्ती किया गया और उन्हें जिले में कहां नियुक्तियां दी गई। रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हाेने की भी जांच ही नहीं की गई। 2019 से अब तक रिक्त पदाें से अधिक भर्ती हुए 131 अध्यापकों काे 70 कराेड़ रुपए से अधिक के वेतन का भुगतान कर दिया गया। भर्ती से संबंधित अभिलेखों का इस प्रकार से लापता होना कई सवाल खड़े कर रहा है। रिकॉर्ड गायब, मात्र कनिष्ठ सहायक पर कार्रवाई तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012, 2013 एवं कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती-2013 से संबंधित अभिलेखों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जिला परिषद स्तर पर इन भर्तियों से संबंधित रिकॉर्ड न सौंपने के आरोप में कनिष्ठ सहायक मुकेश कुमार शर्मा पर विभागीय कार्रवाई की गई है। उनका 25 जुलाई 2018 को स्थानांतरण कर पंचायत समिति झोटवाड़ा में नियुक्ति की गई थी। इसके बाद 21 दिसंबर 2018 को रिकॉर्ड नहीं दिया गया ताे उन्हें निलंबित कर दिया। इसके बावजूद अब तक उन्होंने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया है। सुविवि से जारी मेरिट सूची भी दरकिनार कर दी चौंकाने वाली बात यह है कि जिन शिक्षकाें की नियुक्तियों के आदेश जारी किए गए, उनका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड जिला परिषद जयपुर कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। भर्ती की मेरिट सूची मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (सुविवि) से विभागीय आदेशों के तहत प्राप्त की गई थी, लेकिन उसे भी दरकिनार कर गलत तरीके से चयन किया गया था। यह मामला जवाबदेही और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल यह मामला सिर्फ भर्ती में अनियमितता का नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस गम्भीर घोटाले पर क्या रुख अपनाते हैं? कार्रवाई होगी या फिर एक और मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा? हालांकि प्रशासनिक स्तर पर मामला गंभीरता से लिया जा रहा है और उच्च अधिकारियों ने भी जांच के संकेत दिए गए हैं।

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