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नालबड़ी और सालासर क्षेत्र में तेल-गैस का पता लगाने के लिए ओएनजीसी ने दो बोरवेल पर ड्रिलिंग और टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया है। जल्दी ही तीसरे बोरवेल पर ड्रिलिंग का काम शुरू होगा जो करीब तीन माह तक चलेगा। ऑयल इंडिया लिमिटेड को बीकानेर के भागेवाला में हैवी ऑयल मिलने के बाद उसके आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू की गई। ऑयल इंडिया एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लि. को ने वर्ष, 20 में 2183 वर्ग किमी एरिया में सर्वे शुरू किया जो तीन साल चला। उसे नालबड़ी और कोलायत के सालासर क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (पीईएल) दिए गए जहां तेल-गैस की संभावना जताई गई और तीन जगह ड्रिलिंग-टेस्टिंग का निर्णय लिया गया। ओएनजीसी ने नालबड़ी और सालासर में एक-एक बोरवेल पर ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया है। अब जल्दी ही नालबड़ी में ही तीसरे बोरवेल पर ड्रिलिंग-टेस्टिंग का काम शुरू किया जाएगा जो तीन माह चलेगा। ओएनजीसी के अधिकारियों के मुताबिक पहले दो स्थानों पर तेल-गैस के सिमटम मिले हैं, लेकिन सरफेस पर ऑयल की तलाश है। तीसरे स्थान पर ऑयल मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। परीक्षण किया जा रहा है कि नालबड़ी सालासर में मिलने वाले तेल-गैस की व्यवसायिक उपयोगिता है या नहीं। राजस्थान के बाड़मेर जिले के मंगला में तेल-गैस है और अब बीकानेर में इसकी पूरी संभावना जताई जा रही है। तेल-गैस संभावना की विधानसभा में पेश की रिपोर्ट
बीकानेर में तेल-गैस की संभावना और अब तक प्रगति के संबंध में विधानसभा में रिपोर्ट पेश की गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में नए खनिजों की खोज के निर्देश दिए थे। इसे देखते हुए खान सचिव आनंदी ने बीकानेर में ओएनजीसी की ओर से तेल-गैस खोज पर किए जा रहे काम और उसकी प्रगति के संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार करवाई जो विधानसभा में पेश की गई है। खान महकमा स्वयं सीएम भजनलाल के पास है।

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