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दादाबाड़ी मंदिर में कराई दादागुरु जिन कुशलसुरी गुरुदेव की प्रतिष्ठा, गूंजे जयकारे

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भास्कर न्यूज | भीलवाड़ा प्रभु भक्ति में झूमते श्रावक-श्राविकाएं। दादागरु का जयघोष कर वातावरण गूंजाते युवा व आओ दादा, पधारो दादा भजन पर नाच कर उत्साह व्यक्त करते भक्त। यह नजारा दिखा शुक्रवार सुबह मूर्ति प्रतिष्ठा के दूसरे दिन दादाबाड़ी स्थित मंदिर में दादागुरु जिन कुशलसुरी गुरुदेव की मूर्ति प्रतिष्ठा का। श्री जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ व दादाबाड़ी ट्रस्ट के तत्वावधान में पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास श्री जिन कुशलसुरी दादाबाड़ी में हो रहे तीन दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत शुक्रवार को दादा गुरुदेव की मूर्ति की प्रतिष्ठा कराई गई। मूर्ति पूजक संघ के सह मंत्री अनिल गुगलिया ने बताया कि प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत स्नात्र पूजा से हुई। इसके बाद गुरुदेव की प्रतिमा का गाजेबाजे के साथ दादाबाड़ी में प्रवेश कराया गया। विधिकारक सिरोही निवासी मनोज भाई हरण ने साध्वी दीपमालाश्री व शंखनिधिश्री की निश्रा में प्रतिष्ठा कराई गई। संरक्षक अजय रामपुरिया व अध्यक्ष राजेश कंकरेचा ने बताया कि प्रतिमा विराजमान करने का लाभ केवलचंद, विनोदकुमार, भागचंद बंब परिवार ने लिया। कोषाध्यक्ष सुनील बंब ने बताया कि प्रतिष्ठा के दौरान श्रावक-श्राविकाओं ने चढ़ावे लिए बोलियां बोली। मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष विनोद बंब व मंत्री ज्ञानमल सुराणा ने बताया कि प्रतिष्ठा महोत्सव के आखिरी दिन शनिवार सुबह 6.30 बजे द्वार उदघाटन व 8.30 बजे दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा होगी। शासन प्रभावना के कार्य कर जीवन सफल बनाओ: साध्वी इस अवसर पर साध्वी दीपमालाश्री व शंखनिधिश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुदेव की मूर्ति प्रतिष्ठा संघ के लिए मंगलकारी है। उन्होंने श्रावकों से कहा कि संत नहीं बन सको तो शांत रहकर शासन प्रभावना के कार्य कर जीवन को सफल बनाओ। कार्यक्रम में खरतरगच्छ युवा परिषद, महिला परिषद, श्री चिंतामणि पार्श्व महिला मंडल सदस्यों व सदस्याओं ने व्यवस्थाएं संभाली। इस अवसर पर दादाबाड़ी ट्रस्ट के मंत्री भागचंद बंब, नीलेश भंडारी, दिनेश गोलेछा, धीरज सुराणा, कुशल गुगलिया, राजू गुगलिया आदि मौजूद थे। रात में आरती के साथ ही मंगल दीपक हुआ। उसके बाद भजन संध्या हुई, जिसमें निशा हिंगड़, अंकुर बंब, मनीष सोनी आदि ने प्रस्तुतियां दी।

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