हार्ट के मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब उन मरीजों को भी नई जिंदगी मिल सकेगी, जिनकी जांघ की नस ब्लॉक होने से सर्जरी नहीं हो सकती थी। जयपुर के डॉक्टरों ने एक मरीज की जांघ की नसें ब्लॉक होने पर हाथ की नसों का उपयोग कर कृत्रिम वॉल्व लगाकर सफलता हासिल की है। हाथ की नस जांघ की नस की तुलना में पतली और अधिक टेढ़ी-मेढ़ी होती है। भारत में एओर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित लगभग 5% मरीजों में जांघ की नस ब्लॉक होने के कारण पारंपरिक टावी (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन) प्रोसीजर संभव नहीं होता। राजस्थान हॉस्पिटल के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रविंद्र सिंह राव ने बताया कि हेमेंद्र (78) की दोनों जांघों की नसें कैल्शियम जमा होने से ब्लॉक थीं। इस पर परक्यूटेनियस ट्रांसएग्जिलरी टावी प्रोसीजर किया। 25% ही काम कर रहा था हार्ट जटिल था प्रोसीजर;