पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने कहा है कि लोग मानसिक शांति के लिए बैक टू नेचर आना चाहते हैं। यह समझने की जरूरत है। पूरा वेस्ट अब ईस्ट को फॉलो कर रहा है। योग, आयुर्वेद, या फिर हमारी आर्गेनिक तकनीक। वेस्ट देख रहा है। यही सही है। दीया कुमारी ने बताया- जयपुर की हिंगोनिया गौशाला में मियावाकी पद्धति से 14 हजार पौधे लगाए जाएंगे। प्रकृति से सराबोर प्राकृतिक क्लब हाउस और एग्रो टूरिज्म राजस्थान में बढ़ते हुए ग्रामीण पर्यटन का उदाहरण है। उन्होंने कहा- जयपुर में इतने मंदिर है कि इसे छोटी काशी और गुप्त वृंदावन कहा जाता है। राजस्थान में रूरल टूरिज्म के प्रोजेक्ट शुरू किए जाते हैं, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा। बांस से बनी झोपड़ी और गोबर से बनाए क्लब दरअसल, दीया कुमारी होली के मौके पर पहुंची बांस से बनाए गई झोपड़ी और गोबर से बनाए गए क्लब का जायजा लेने पहुंची थीं। बांस से बनाए जा रहे हट से प्रभावित दीया कुमारी ने होम स्टे बनाने का सजेशन दिया। इससे आने वाले समय में हेल्दी एनवायरमेंट में टूरिस्ट के रुकने की व्यवस्था हो सके। यहां पर्यटक आ कर रुक सकें। वह आयुर्वेद पद्धति से इलाज और नेचर के बीच में मन की शांति पा सकता है।