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देशभर में 240 फर्म बनाकर 524 करोड़ की टैक्स चोरी:जोधपुर के ई-मित्र संचालक की गैंग ने 22 राज्यों में की वारदात, 7 गिरफ्तार

देश के 22 राज्यों में 240 फर्जी फर्में बनाकर 524 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी कर ली गई। जोधपुर की गैंग ने फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक खाते खुलवाकर इस वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में देवनगर (जोधपुर) थाना पुलिस ने ई-मित्र संचालक सहित 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। DCP वेस्ट राजर्षि राज वर्मा ने कल (सोमवार) पूरे मामले का खुलासा किया था। डीसीपी के अनुसार- निहारिका ई-मित्र व कम्प्यूटर सेंटर पर फर्जी आधार कार्ड और डॉक्यूमेंट तैयार करने की सूचना मिली थी। टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि आरोपी फर्जी तरीके से डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं। उनका उपयोग फर्जी GST रजिस्ट्रेशन कर टैक्स चोरी में किया जाता था। इसके अलावा साइबर ठगी में भी इन डॉक्यूमेंट्स का उपयोग किया जा रहा था। जीएसटी इनपुट और इनपुट पास ऑन के नाम पर चोरी
जांच में सामने आया कि घोटाले के तहत 278 करोड़ रुपए की फर्जी बिलों के आधार पर जीएसटी इनपुट ली गई। 246 करोड़ रुपए की जीएसटी इनपुट पास ऑन की गई। पुलिस और सेंट्रल जीएसटी टीम जोधपुर के अनुसार- 244 में से 44 फर्मों की पहचान ईमेल एड्रेस, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर के आधार पर हुई। 196 फर्मों को अन्य डेटा के आधार पर पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि 244 फर्मों में से 152 फर्मों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन अलग-अलग राज्यों में रद्द हो चुका था। इसके अलावा 19 जून को जांच करने पर पता चला कि जोधपुर में रजिस्टर्ड 8 फर्म अपने दिए पते पर संचालित ही नहीं हैं। अन्य फर्मों को लेकर भी गहन जांच की जा रही है। ऐसे में टैक्स चोरी का आकार कई गुना बढ़ने की आशंका है। 30 हजार रुपए के लालच में करोड़ों की टैक्स चोरी
जांच में सामने आया कि ई-मित्र संचालक प्रवीण पंवार (28) अपने साथी सद्दाम हुसैन (30) के साथ मिलकर फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करते थे। इसके बाद जीएसटी की टैक्स चोरी के लिए फर्जी फर्म बनाने वालों को यह दस्तावेज आगे देते थे। आरोपी बीस से तीस हजार रुपए के लालच में फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करते थे। इसके बाद सरगना इन डॉक्यूमेंट का उपयोग फर्जी फर्में बनाने के अलावा अवैध कामों में उपयोग लेते थे। आरोपी अपने पास नकली मोहरें रखते थे। इन्हीं के जरिए फर्जी पैन कार्ड बनाते, फिर उसकी सहायता से बैंक खाता खुलवाकर जीएसटी फर्म में ट्रांजैक्शन दिखाते थे। गोवा, महाराष्ट्र समेत 22 राज्यों में वारदात
पूछताछ में सामने आया कि गैंग ने आंध्र प्रदेश, असम, दमन दीव, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, वेस्ट बंगाल सहित कई राज्यों में फर्जी फर्म बनाई। उसके आधार पर सामान के ई-बिल में ट्रांजैक्शन दिखाया और टैक्स चोरी की। इससे सरकार को करीब 524 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। कड़ी दर कड़ी आरोपियों तक पहुंची पुलिस
देवनगर थाना पुलिस ने 13 जून को मसूरिया में प्रवीण पंवार और सद्दाम को पकड़ा था। दोनों को कोर्ट में पेश कर 9 दिन के रिमांड पर लिया। पूछताछ में सामने आया कि उनके साथ और भी कई गैंग के सदस्य जुड़े हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने 3 आरोपी किशन सिंह, रणवीर सिंह, गजेंद्र सिंह को पकड़ा। पूछताछ में सामने आया कि अमित भाटी फर्जी सील तैयार करके देता था। इसमें चेलाराम भी शामिल है। इस पर पुलिस ने रविवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड पर लिया है। गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने प्रवीण पंवार (28) पुत्र सुनील पवार निवासी यूआईटी कॉलोनी मसूरिया, सद्दाम हुसैन (30) पुत्र इलियास खान निवासी नारायण नगर शोभावतों की ढाणी चौपासनी, किशन सिंह (38) पुत्र इंद्रसिंह राजपूत निवासी भाटियों की ढाणी पड़ासला, रणवीर सिंह (28) पुत्र भोम सिंह राजपूत, गजेंद्र सिंह (25) पुत्र गंगा सिंह राजपूत निवासी पड़सला, चेलाराम (35) पुत्र कोजाराम मेघवाल निवासी सावंत कुआं खुर्द बावड़ी, अमित भाटी (37) पुत्र मदनलाल भाटी निवासी कुमारियों के बगेची मसूरिया को गिरफ्तार किया। सरकारी सिस्टम का ही फायदा उठाया
डीएसटी (पश्चिम) के कॉस्टेबल दलाराम ने बताया- मेरे पास फर्जी आधार कार्ड बनाने की सूचना आई। तब मुखबिर ने 5 असली और फर्जी आधार कार्ड लाकर मुझे दिए। इसके बाद मामला डीसीपी को बताया। इस पर डीसीपी के निर्देश पर टीम गठित कर आरोपी निहारिका ई-मित्र संचालक प्रवीण को पकड़ा। पूछताछ में उसने सद्दाम के लिए काम करना बताया। सद्दाम को पकड़कर उससे पूछताछ की। सद्दाम ने बताया कि उसके अधीन कुछ व्यक्ति काम करते हैं। जिनको वह नाम से नहीं जानता। सद्दाम के फोन की तलाशी ली गई। इसमें बड़ी संख्या में पैन कार्ड, आधार कार्ड, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर मिले। जानिए.. फर्जीवाड़े की कड़ी दर कड़ी (जैसा कि डीएसटी (पश्चिम) कॉन्स्टेबल दलाराम ने भास्कर को बताया।) ………………………….. टैक्स चोरी की यह खबर भी पढ़िए…
26 वर्षीय युवक 166 करोड़ की टैक्स चोरी का मास्टरमाइंड:फर्जी दस्तावेज से 3 कंपनियां खोलीं, घरवालों को लगा- जयपुर में कर रहा कोचिंग राजस्थान में जीएसटी चोरी को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीन कंपनियां बनाई गईं। इसके बाद इन्हीं कंपनियों ने 54 कंपनियों से व्यापार के फर्जी बिल तैयार किए। महज एक से डेढ़ साल के भीतर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और जीएसटी रिफंड के नाम पर 166 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की। पूरी खबर पढ़िए

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