देशभर में टमाटर की कीमत लगातार बढ़ रही है। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार (13 जुलाई) को देश में एक किलो टमाटर की औसत खुदरा कीमत 67.65 रुपए पहुंच गई। अंडमान और निकोबार में टमाटर सबसे महंगा रहा, यहां 115 रुपए प्रति किलो बिका। आंध्रप्रदेश में सबसे सस्ता रहा, यहां टमाटर की खुदरा कीमत 46.75 प्रति किलो रही। दिल्ली में टमाटर 77 रुपए किलो बिक रही। भारी बारिश से सप्लाई प्रभावित, आलू-प्याज भी महंगे हुए
देश के कई इलाकों में पहले गर्मी इसके बाद भारी बारिश और बाढ़ की वजह से टमाटर समेत कई सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है, जिससे टमाटर के साथ आलू-प्याज के दाम भी बढ़ रहे हैं। वहीं, आलू और प्याज की कीमत भी बढ़ रही है। बाजारों में आलू 30 से 62 रुपए किलो बिक रहा है तो प्याज भी कहीं-कहीं 40 से 60 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है। सप्लाई में सुधार होने से घट सकते हैं दाम
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि टमाटर की खुदरा कीमतें कई राज्यों में 75 के पार रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है और दक्षिणी राज्यों से सप्लाई में सुधार होने के कारण आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट आ सकती है। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में आलू और प्याज की कीमतें भी बहुत अधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हाइब्रिड टमाटर दिल्ली पहुंचने के साथ कीमतें कम होने लगेंगी। सरकार की सब्सिडी वाले टमाटर बेचने की फिलहाल कोई प्लानिंग नहीं है। पिछले साल कीमत 110 रुपए प्रति किलो पहुंचने पर टमाटर सब्सिडी के साथ सरकारी स्टॉल पर बेचे गए थे। बीते 3 सालों में भी दिखा बारिश में टमाटर के दाम बढ़ने का ट्रेंड
बीते तीन सालों में भी बारिश में टमाटर के दामों में बढ़ोतरी का ट्रेंड दिखा है। पिछले साल जुलाई-अगस्त में इसके दाम 250 रुपए किलो तक पहुंच गए थे। इससे पहले 2022 के जून में टमाटर के दाम 60-70 रुपए किलो तक पहुंच गए थे। 2021 में दाम 100 रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गए थे। पिछले साल तो कई किसान ऊंचे दामों पर टमाटर बेचकर करोड़पति हो गए थे। मैकडॉनल्ड्स ने बर्गर से हटा दिया था टमाटर
पिछले साल जुलाई में टमाटर महंगे होने के कारण मैकडॉनल्ड्स ने बर्गर से टमाटर को हटा दिया था। तब मैइकडॉनल्ड्स इंडिया की नॉर्थ एंड ईस्ट फ्रेंचाइजी ने बताया था कि सारी कोशिशों के बाद भी हमें अच्छी क्वालिटी के टमाटर नहीं मिल पा रहे हैं। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों का कुल उत्पादन में लगभग 60% योगदान
टमाटर का उत्पादन लगभग हर राज्य में होता है। वहीं दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों का देश के कुल उत्पादन में लगभग 60% योगदान होता है। इन क्षेत्रों में हुए ज्यादा उत्पादन का उपयोग भारत के अन्य हिस्सों में टमाटर की निरंतर सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक
नेशनल हॉर्टीकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक भारत है। ये 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज से करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन प्रोडक्शन के साथ टॉप पर है। भारत में 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य रूप से दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है।
