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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अफसरों पीडब्ल्यूडी के एसीएस प्रवीण गुप्ता और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के एसीएस भास्कर ए सावंत को तीन-तीन महीने के सिविल कारावास की सजा सुनाई। जयपुर के कॉमर्शियल कोर्ट ने अवार्ड राशि का भुगतान नहीं करने के दो अलग-अलग मामलों में यह फैसला सुनाया। दोनों आईएएस ने सजा के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार को मामले में सुनवाई होगी। जयपुर के कॉमर्शियल कोर्ट-1 ने अदालत के आदेशों के बावजूद कंपनियों को भुगतान करने के आदेशों की पालना नहीं करने पर दोनों आईएएस को सजा सुनाई है। पीडब्लूडी और पीएचईडी ने अदालती आदेशों के बावजूद भुगतान नहीं किया था। कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं दिए 167 करोड़
नागौर-मुकुंदगढ़ हाईवे प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2020-21 में सड़क बनाने के प्रोजेक्ट का काम किया था। इसके काॅन्ट्रैक्ट में समय से पहले सड़क प्रोजेक्ट का काम पूरा करने पर बोनस देने का प्रावधान था। कंपनी को जब बोनस का भुगतान नहीं किया तो भुगतान को लेकर आर्बिट्रेटर के आदेश को कॉमर्शियल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी गई, लेकिन पीडब्ल्यूडी को राहत नहीं मिली। 167 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान से संबंधित मामले में कॉमर्शियल कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी की संपत्तियों की सूची मांगी, ताकि उनको कुर्क कर बकाया भुगतान दिलवा सके। कोर्ट ने इसी मामले में भुगतान को लेकर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) प्रवीण गुप्ता का शपथ-पत्र मांगा, जिसके नहीं मिलने पर कोर्ट ने गुप्ता को तीन माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई। पीएचईडी ने पाइपलाइन डालने के प्रोजेक्ट का पैसा नहीं दिया
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग(पीएचईडी) के पाइपलाइन डालने के प्रोजेक्ट में करीब 31 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं होने के मामले में विभाग के एसीएस भास्कर ए सावंत को तीन महीने के सिविल कारावास की सजा सुनाई गई है। इस मामले में आर्बिट्रेटर की ओर से एल एंड टी कंपनी के पक्ष में करीब 31 करोड़ रुपए के भुगतान का आदेश दिया था। इसकी पालना को मामला कॉमर्शियल कोर्ट पहुंचा, जहां बार-बार अवसर देने के बावजूद भुगतान के संबंध में सावंत का शपथ-पत्र पेश नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने तीन महीने की सजा सुनाई।

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