दौसा के सबसे बड़े रामकरण जोशी जिला अस्पताल में स्थाई रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को मजबूरन जेब ढीली कर प्राईवेट सेंटरों पर महंगे दामों में सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। ये हाल तो मेडिकल कॉलेज से जुड़े जिला अस्पताल का हैं। जहां सरकार रेडियोलॉजिस्ट तक नहीं लगा पाई है। इसलिए एक मशीन पर अस्थायी व्यवस्था कर सप्ताह में 3 दिन ही सोनोग्राफी हो रही है, जबकि एमसीएच विंग में लगी मशीन पर सिर्फ गर्भवती महिलाओं की ही सोनोग्राफी होती है। कई बार तो रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी पर होने से व्यवस्थाएं पूरी तरह बिगड जाती है और जिम्मेदार भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाते। जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। इसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। जिला अस्पताल से रोजाना 100 से ज्यादा मरीजों को सोनोग्राफी की जांच लिखी जा रही हैं। लेकिन ये मरीज निजी सेंटरों पर 700 रुपए शुल्क देकर जांच कराने को मजबूर हो रहे हैं। इनमें ऐसे भी मरीज हैं, जो अस्पताल में भर्ती होकर निशुल्क इलाज ले रहे हैं, लेकिन सोनोग्राफी जांच का शुल्क देना पड़ रहा है। जबकि मरीजों की संख्या के हिसाब से अस्पताल में करीब 2 से 3 रेडियोलॉजिस्ट की जरूरत है। क्योंकि पूरे जिले से काफी मरीज रेफर होकर यहां पहुंचते हैं। उन्हें यहां भी इस सुविधा के लिए फीस देकर निजी सेंटरों पर जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में 2 हजार की ओपीडी
दौसा जिला अस्पताल की ओपीडी पर नजर डालें तो यहां रोजाना करीब 2 हजार मरीजों की ओपीडी है, जिनमें से सर्जरी व मेडिसिन सहित अन्य विभागों की करीब 5 प्रतिशत यानी 100 सोनोग्राफी रोजाना लिखी जाती है। लेकिन इन मरीजों के हाथों में निजी सेंटरों की जांच रिपोर्ट ही नजर आती है। क्योंकि अस्पताल में सप्ताह में 4 दिन सोनोग्राफी कक्ष पर ताला लगा रहता है। सप्ताह 3 दिन की वैकल्पिक व्यवस्था
यहां वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने भांडारेज सीएचसी से 6 महीने पहले डॉ. विनीत जोशी को 3 दिन के लिए जिला अस्पताल में डेपुटेशन पर लगाया हुआ है। इसलिए यहां मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को ही सोनोग्राफी होती है। अगर ये एक दिन छुट्टी कर लें तो पूरी व्यवस्था चौपट हो जाती है। जबकि भांडारेज सीएचसी में सोनोग्राफी मशीन नहीं है। उच्चाधिकारियों के भी संज्ञान में है मामला
इसे लेकर पीएमओ डॉ. आरके मीणा का कहना है कि जिला अस्पताल में स्थायी रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। अभी सीएमएचओ ने सप्ताह में तीन दिन के लिए भांडारेज से एक डॉक्टर की अस्थायी ड्यूटी लगा रखी है। वे तीन दिन आते हैं। इन दिनों में भी अगर वे छुट्टी कर लेते हैं तो दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को लौटना पड़ता है। परेशानी को लेकर उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है।
