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झालावाड़ के डग कस्बे में शुक्रवार शाम को एक सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया। चौकड़ी दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर पर धुलेंडी के मौके पर चूल का आयोजन हुआ। मंदिर समिति सदस्य पंकज ने बताया कि हनुमान जी और वेरई माता की विशेष पूजा-अर्चना के बाद यह आयोजन शुरू हुआ। इस परंपरा के लिए 15 फीट लंबी, दो फीट गहरी और डेढ़ फीट चौड़ी खाई तैयार की गई। खाई में दो क्विंटल लकड़ी के अंगारे बिछाए गए। इन अंगारों को 15 किलो शुद्ध देसी घी से और धधकाया गया। इस वर्ष 75 श्रद्धालुओं ने इसमें हिस्सा लिया। इनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। सभी ने नंगे पैर धधकते अंगारों पर चलकर अपनी मनौती पूरी की। यह अनूठी परंपरा पिछले 100 साल से निरंतर चली आ रही है। हर साल बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन को देखने के लिए एकत्र होते हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि उनकी आस्था के कारण उन्हें अंगारों से कोई नुकसान नहीं होता है।

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