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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा है कि यदि राज्य की सरकार केंद्र सरकार के अनुरूप नहीं है तो आरोप लगाना आसान हो जाता है। कई बार दबाव के आरोप लगते हैं। मैं कह सकता हूं कि मैं किसी के दबाव में नहीं हूं। मैं न किसी पर दबाव डालता हूं, न किसी के दबाव में आता हूं। राजस्थान की धरती पर मेरे एक मित्र ने यह बात कही, इसलिए यह कह रहा हूं। उपराष्ट्रपति सोमवार को जयपुर दौरे पर थे। यहां उन्होंने कान्सटीट्यूशन क्लब में पूर्व विधायक संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उपराष्ट्रपति बोले- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दबाव में आ ही नहीं सकते। राजस्थान का पानी पीने वाला व्यक्ति दबाव में आ ही कैसे सकता है? वो कड़ी परिस्थितियों में मेहनत करता है। बलराम जाखड़ राजस्थान से जीते, वे लोकसभा स्पीकर रहे। विपक्ष दुश्मन नहीं है, वाद विवाद होना चाहिए
धनखड़ ने कहा- प्रतिपक्ष दुश्मन नहीं है। लोकतंत्र में वाद विवाद और संवाद होना चाहिए। अभिव्यक्ति प्रजातंत्र की जान है। अभिव्यक्ति उस स्तर पर पहुंच जाए कि दूसरे के विचार का कोई मतलब नहीं है तो फिर यह अर्थ खो देती है। वाद-विवाद बहुत जरूरी है। दूसरे का पक्ष सुनना आपको ताकत देता है। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा- इनको पता है मेरा राजनीति में प्रवेश कैसे हुआ। मैं विधायक कैसे बना। दीपेंद्र सिंह शेखावत के साथ मैं विधायक रहा। संसदीय प्रणाली में एक समिति का गठन किया गया आचार समिति, इसकी अध्यक्षता की पूर्व रक्षा मंत्री एसवी चव्हाण ने। उन्होंने आचार समिति अध्यक्ष के रूप में जबरदस्त रिपोर्ट दी। यहां पर कहा गया कि पूर्व विधायकों का सम्मान रखा जाए। गहलोत ने कहा था-उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष दबाव में काम कर रहे
गहलोत ने दो दिन पहले जोधपुर में कहा था कि राज्यपाल से लेकर न्यायपालिका, उपराष्ट्रपति और देश के लोकसभा स्पीकर तक सभी दबाव में हैं। BJP का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। पिछली बार लोकसभा और राज्यसभा से करीब 150 एमपी को सस्पेंड कर दिया गया। आजादी के बाद इतिहास में पहली बार BJP ने पार्लियामेंट नहीं चलने दी। नरसिम्हा राव ने अटल बिहारी वाजपेयी को देश का पक्ष रखने भेजा था
धनखड़ ने कहा- नरसिम्हा राव ने एक मुद्दे पर अटल बिहारी वाजपेयी को देश का पक्ष रखने के लिए भेजा था। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दुनिया के अनेक कोनों पर संसद सदस्यों का जाना बहुत बड़ा कदम है। यह दर्शाता है कि राष्ट्रीयता हमारा धर्म है, हमारे राजनीतिक मतभेद हैं तो देश के अंदर हैं। जब देश की बात आती है तो राजनीति से ऊपर उठकर आचरण होता है। राज्यपाल बोले-हमारे ऊपर केवल संविधान का दबाव
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले कहा है कि उपराष्ट्रपति, राज्यपाल दबाव में काम करते हैं। हम तो किसी के दबाव में काम नहीं करते। हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है और हम दबाव से काम करने वाले नहीं है। हमारे ऊपर एक ही दबाव है, वह संविधान का दबाव है, लेकिन लोगों के दबाव में आने के उदाहरण हैं। इतिहास में दबाव के उदाहरण है। पीओके का जो निर्माण हुआ, वह लॉर्ड माउंटबेटन के दबाव से हुआ और वहां से लेकर अब तक तकलीफ झेल रहे हैं। —— ये खबर भी पढ़ें… गहलोत बोले- उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर भी दबाव में:बिना दबाव में इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते; BJP का लोकतंत्र में विश्वास नहीं जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल से लेकर न्यायपालिका, उपराष्ट्रपति और देश के लोकसभा स्पीकर तक सभी दबाव में हैं। BJP का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)

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