धौलपुर में प्री डीएलएड परीक्षा में 3 केंद्रों पर 5 डमी कैंडिडेट पकड़े गए हैं। ये सभी लोग दूसरे अभ्यर्थियों की जगह एग्जाम देने आए थे। सेंटर में इन अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट मिसमैच हो गए। इस पर केंद्र अधीक्षक ने कोटा में बने मॉनिटरिंग सेंटर पर इनकी जानकारी भेजी तो डमी कैंडिडेट होने की जानकारी मिली। 4 डमी कैंडिडेट सुबह की पारी में पकड़े गए, जबकि 1 कैंडिडेट दोपहर की पारी में पकड़ा गया। केंद्र अधीक्षक ने इन सभी कैंडिडेट को पुलिस के हवाले कर दिया। साथ ही कोतवाली और निहालगंज थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 3 परीक्षा केंद्रों से 5 डमी कैंडिडेट पकड़े गए
कोतवाली थाना सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया- रविवार को प्रदेशभर में प्री डीएलएड परीक्षा 2 पारियों में हुई। इस दौरान धौलपुर में 3 परीक्षा केंद्रों से 5 डमी कैंडिडेट पकड़े गए हैं। कोतवाली थाना इलाके में पीजी कॉलेज सेंटर से विवेक पुत्र बच्चू सिंह को पकड़ा है, जो लकी अंधाना पुत्र बलबीर सिंह की जगह परीक्षा दे रहा था। इसे दोपहर की पारी में पकड़ गया। इसके अलावा लॉ कॉलेज से आकाश तिवारी पुत्र गिरिराज तिवारी को पकड़ा है, जो सचिन पुत्र राजवीर सिंह की जगह पर परीक्षा दे रहा था। लॉ कॉलेज से ही राहुल पुत्र महावीर बघेल को पकड़ा है, जो विवेक पुत्र गिरिराज सिंह की जगह परीक्षा में बैठा था। उधर, निहालगंज थाना क्षेत्र के विवेकानंद परीक्षा केंद्र पर भी 2 डमी कैंडिडेट पकड़े गए हैं। यहां मोनू पुत्र दीनबंधु को मोनू कुमार पुत्र भगवान स्वरूप की जगह परीक्षा देते और मोहित शर्मा पुत्र रामनरेश शर्मा को दिनेश कुमार पुत्र राजवीर सिंह की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया है। प्रदेश में 6 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
राजस्थान के सभी 41 जिलों में 860 सेंटर पर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (VMOU, कोटा) की ओर से प्री-डीएलएड (प्री-डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का एग्जाम हुआ। पहली पारी सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पारी दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक हुई। कोटा में परीक्षा समन्वयक डॉ. रवि गुप्ता ने बताया- इस साल प्रदेशभर में 6,04,692 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें लगभग 70 प्रतिशत महिला अभ्यर्थी हैं। सबसे ज्यादा 44 सेंटर जयपुर में और सबसे कम प्रतापगढ़ में 9 रहे। रविवार को दोनों पारियों में परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले एंट्री बंद कर दी गई। देर से आने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिला। हर अभ्यर्थी की पहचान क्यूआर कोड स्कैनिंग और बायोमैट्रिक जांच की गई। प्रदेश का हर सेंटर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहा। अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र, मूल पहचान पत्र, काला या नीला बॉल पेन और एक नया रंगीन पासपोर्ट फोटो लाना अनिवार्य था। सेंटर पर मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, स्मार्ट वॉच, कैलकुलेटर, लॉग टेबल, पाठ्य सामग्री, व्हाइटनर और ज्योमेट्री बॉक्स ले जाने की मनाही रही।
