जयपुर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम और गंभीर शैली ध्रुवपद को समर्पित आयोजन ‘ध्रुवपद यात्रा 2025’ के माध्यम से विरासत, माधुर्य और भक्ति का एक अद्वितीय संगम देखा। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस प्रतिष्ठित संगीत समारोह का आयोजन उस्ताद इमामुद्दीन खान डागर इंडियन म्यूजिक आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी और डागर आर्काइव्स म्यूजियम, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस आयोजन के पीछे शबाना डागर और इमरान डागर की दूरदर्शिता और प्रयास रहे। कार्यक्रम का संचालन ईएमसीईई तनुषा नागरथ ने किया। समारोह की शुरुआत स्वर्गीय अरविंद सिंह मेवाड़ को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। तत्पश्चात मंच पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों और कलाकारों का पारंपरिक तिलक और दीप प्रज्वलन कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महिला सशक्तिकरण एवं कला क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने वाली दीपा माथुर उपस्थित रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. मौलिक शाह ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके बाद श्रोताओं को एक अविस्मरणीय संगीतमय यात्रा का अनुभव हुआ, जब मंच पर प्रसिद्ध डागर बंधुओं ने ध्रुवपद शैली की परंपरागत रचना प्रस्तुत की। उन्होंने राग मालकोस में चौताल पर अपनी प्रस्तुति दी, जो न केवल सुर, लय और भाव के अद्भुत संयोजन का प्रतीक थी, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की गहराई को भी उजागर कर गई।
‘ध्रुवपद यात्रा’ में भारतीय शास्त्रीय संगीत को दिया गया ट्रिब्यूट:राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में देशभर के कलाकारों ने दी प्रस्तुति, डागर बंधुओं ने राग मालकोस
