राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे देवली ब्लॉक के लक्ष्मीपुरा निवासी व्याख्याता नंदू राजस्थानी को नागौर में आयोजित राज्य स्तरीय साहित्यकार उत्सव में सम्मानित किया गया है। इन्हें नेम प्रकाशन डेह नागौर द्वारा अपनी लिखी पुस्तक ‘कदै आवसी भोर’ के लिए लादी देवी मोटाराम झाड़वाड़ प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके तहत माला, शॉल, श्रीफल, साफ़ा, प्रशस्ति पत्र व ग्यारह हजार रुपये भेंट किए गए हैं। इन्हें कार्यक्रम के अतिथि राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, महिला बाल विकास मंत्री मंजू बाघभार, राज्य मंत्री ओंकार सिंह लखावत ने सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में नंदू राजस्थानी समेत के अलावा अलग-अलग जगह से आए 31 साहित्यकारों का अलग-अलग उपलब्धियों पर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार पाने वाले इस कार्यक्रम में नंदू राजस्थानी जिले से एक मात्र साहित्यकार थे। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक पवन पहाड़िया, वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मणदान कविया व डॉ. गजादान चारण भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि युवा साहित्यकार इससे पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। युगधारा व राजस्थान साहित्य अकादमी के द्वारा ‘प्रथम भवदत्त मेहता स्मृति युगधारा पुरस्कार 2024, कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा द्वारा साहित्य गौरव सम्मान 2022, अंबेडकर विचार मंच देवली द्वारा काव्य प्रतिभा सम्मान 2022, भीलवाड़ा कविता प्रेमी मंच द्वारा कलमवीर सम्मान 2021, आखर जयपुर द्वारा युवा लेखक सम्मान 2021, श्री मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति संस्थान द्वारा सम्मान 2020 प्राप्त है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय साहित्यिक अकादमी द्वारा साहित्यिक अनुदान यात्रा में चयनिय नाम, अकादमी के कार्यक्रम में शोध पत्रक वाचन, आकाशवाणी सहित अनेक काव्य मंचों पर काव्यपाठ सम्मिलित है। लेखक की अब तक दो स्वतंत्र किताबें ‘कदै आवसी भोर’ (राजस्थानी कुंडली संग्रह) राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित कृति ‘फिर से तम छंट जाएगा’ (हिंदी काव्य संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। सांझा संकलन में चमकते जुगनू, कोरोना काल में साहित्य, ऊरमा रा एनाण, राजस्थान के साहित्य साधक नामक पुस्तकें शामिल हैं। वर्तमान में भी गद्य व पद्य में पुस्तकें प्रकाशाधीन है। इसके अलावा देश की विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में नंदू राजस्थानी की रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।