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झालावाड़ में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के मौके पर जिला परिषद सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कलेक्टर राठौड़ ने कहा कि नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी होने के बाद भी उसका सेवन करना अपराध है। उन्होंने बताया कि नशा व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार को प्रभावित करता है। उन्होंने लोगों से नशे की लत से दूर रहने का आग्रह किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक रामनिवास यादव ने 1 से 26 जून तक चले नशा मुक्त भारत अभियान की जानकारी दी। कार्यशाला में औषधि नियंत्रण अधिकारी संदीप कैले ने कविताओं के माध्यम से नशे के विरोध का संदेश दिया। मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के प्राचार्य डॉ. शकील अंसारी और वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा की। स्काउट कमिश्नर और प्रेरणा जनकल्याण समिति के कृष्णमोहन देवड़ा ने नशा रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जिले के नशा मुक्ति केंद्रों से नशा छोड़ चुके लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देशानुसार आयोजित किया गया। कार्यशाला में जिला कलेक्टर ने नशा मुक्त भारत हस्ताक्षर अभियान के तहत फ्लैक्स पर हस्ताक्षर किए। वहीं उपस्थित लोगों को नशा नहीं करने और इसकी रोकथाम के लिए प्रयास करने की शपथ भी दिलाई। कार्यशाला का संचालन हेमंत शर्मा ने किया। इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शम्भूदयाल मीणा, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्काउट, गाइड एवं युवा मौजूद रहे।

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