पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ फिल्म सरदार जी 3 में काम करने पर दिलजीत दोसांझ को देशद्रोही कहा जा रहा था। इस दौरान नसीरुद्दीन शाह ने दिलजीत का सपोर्ट कर रहा था कि वो उनके साथ खड़े हैं। हालांकि अब उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट कर एक क्रिप्टिक पोस्ट शेयर की है। नसीरुद्दीन शाह ने अपने फेसबुक पर साइंटिस्ट और फिलोसोफर जॉर्ज क्रिस्टोफ लिचेनबर्ग की लिखी बात शेयर की। उन्होंने लिखा, ‘किसी की दाढ़ी जलाए बिना भीड़ के बीच सत्य की मशाल ले जाना लगभग असंभव है।’ कई फैंस जहां नसीरुद्दीन शाह की बेबाकी की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी दिलजीत को सपोर्ट करने पर आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- ‘नसीरुद्दीन शाह अगर आपकी ‘सत्य की मशाल’ तभी जलती है जब वह आपके झुकाव की चापलूसी करती है और सुविधाजनक रूप से किसी भी ऐसी चीज को जला देती है जिससे आप असहमत होते हैं। अगली बार, पोस्ट डिलीट करने और कविता सुनाने से पहले, इस बात पर विचार करें। हर राय को मंच की जरूरत नहीं होती, खासकर तब जब वह चुनिंदा यादों के कारण मंद रोशनी में हो। सोशल मीडिया आपके ज्ञान के रंगमंच के बिना भी ठीक से चल सकता है। एक कमेंट में लिखा गया, नसीरुद्दीन शाह अगर ‘सत्य की मशाल’ को थामने का मतलब चुनिंदा आक्रोश फैलाना, पीड़ित की भूमिका निभाना और पकड़े जाने पर पोस्ट डिलीट करना है, तो शायद मशाल को छोड़ने का समय आ गया है और टाइमलाइन को भी। एक यूजर ने लिखा, हां, अब भारत में राष्ट्रविरोधी भावनाएं रखना असंभव है। आप जैसे राष्ट्रविरोधियों को अब लोग पॉइंट आउट कर रहे हैं। दिलजीत दोसांझ के सपोर्ट में शेयर की थी पोस्ट, अब डिलीट की बताते चलें कि हानिया आमिर के साथ काम करने पर विवादों से घिरे दिलजीत दोसांझ को नसीरुद्दीन शाह का सपोर्ट मिला था। उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा था, ‘मैं दिलजीत के साथ मजबूती से खड़ा हूं। जुमला पार्टी की गंदी चालें चलाने वाला विभाग लंबे समय से उन्हें निशाना बनाने का मौका तलाश रहा था और उन्हें अब लगा कि ये मौका मिल गया है। फिल्म की कास्टिंग का फैसला दिलजीत का नहीं था। वह डायरेक्टर का था। लेकिन डायरेक्टर को कोई नहीं जानता, जबकि दिलजीत पूरी दुनिया में जाना जाता है और उसने कास्टिंग इसलिए स्वीकार की क्योंकि उसके मन में जहर नहीं था।’ ‘ये गुंडे असल में भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच सीधे संबंध खत्म करना चाहते हैं। मेरे कुछ करीबी रिश्तेदार और प्यारे दोस्त वहां हैं और मुझे उनसे मिलने या उन्हें प्यार भेजने से कोई रोक नहीं सकता। और जो लोग कहेंगे ‘पाकिस्तान जाओ, तो मेरा जवाब होगा तुम कैलासा जाओ।’ जावेद अख्तर ने भी किया था दिलजीत को सपोर्ट एनडीटीवी क्रिएशन मंच में जावेद अख्तर ने दिलजीत दोसांझ और फिल्म सरदार जी 3 के सपोर्ट में कहा, ‘ये पिक्चर मालूम नहीं कब बनाई गई। वो क्या करे बेचारा। आगे क्या होगा, वो तो उसे नहीं पता था न। पैसा तो उसने लगाया, इसमें पाकिस्तान का पैसा तो डूबेगा नहीं। पैसा तो हमारे हिंदुस्तानी आदमी का डूब जाएगा। तो क्या फायदा है इससे।’ आगे उन्होंने कहा, ‘अगर आज मैंने कोई नियम बनाया, तो उसे आज से 10 पहले की बात पर अप्लाई नहीं किया जा सकता। वो प्रैक्टिकल नहीं है। उस गरीब को मालूम होता कि ऐसा होने वाला है, तो वो पागल थोड़ी था जो ले लेता उस एक्ट्रेस (हानिया आमिर) को। मेरा ख्याल है कि सरकार को और सेंसर बोर्ड को इस बात को दया से देखना चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि तुम आइंदा मत करना, लेकिन तुमने पहले बना ली थी तो रिलीज कर लो, लेकिन अब ये दोबारा नहीं होना चाहिए।’