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नागौर नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव का मामला थमा:भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने जयपुर में विरोधी पार्षदों को मनाया, 27 जून को वोटिंग में शामिल होने से इनकार

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नागौर नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चल रहा घटनाक्रम आज देर शाम खत्म हो गया। जयपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने विरोधी खेमे के पार्षदों को मना लिया। अब इन पार्षदों ने भी 27 जून को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग में भाग लेने से मना कर दिया है। ऐसे में नागौर नगर परिषद में सभापति मीतू बोथरा की कुर्सी पर आए संकट के बादल छंट गए हैं। 47 पार्षदों ने दिया था अविश्वास प्रस्ताव पत्र अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले खेमे के अगवा पार्षद ओमप्रकाश सांखला ने बताया कि 9 जून को वर्तमान सभापति के खिलाफ 47 पार्षदों की सहमति युक्त अविश्वास प्रस्ताव जिला कलेक्टर के समक्ष पेश किया था। उसके बाद से लगातार विरोधी खेमे के पार्षद एकजुट रहे। 23 जून को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से मुलाकात हुई, तो पूरा घटनाक्रम से अवगत करवाया। आज 25 जून को दोबारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से भाजपा‌ प्रदेश कार्यालय में मुलाकात हुई। 27 जून को होनी थी वोटिंग पार्षद ओमप्रकाश सांखला ने बताया कि आज दोबारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से हुई मुलाकात में बताया कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर है, सभापति मीतू बोथरा की हर जगह शिकायतें हैं, स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं, भाजपा पार्षदों के वार्ड में काम नहीं हो रहे हैं। मुलाकात के दौरान प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने सभी बातों को गंभीरता से सुना। उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि सभी भाजपा पार्षद एकजुट रहें और 27 जून को सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में हिस्सा ना लें, 27 जून के बाद सभापति मीतू बोथरा के खिलाफ बताई गई विरोधी खेमे की सभी शिकायतों की जांच करवाई जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष के आश्वासन के बाद विरोधी खेमे के भाजपाई पार्षदों ने 27 जून को अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में शामिल ना होने पर सहमति जताई।

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