नागौर नगर परिषद में आज एसीबी ने बड़ी कार्रवाई असिस्टेंट टाउन प्लानर को ट्रैप किया है। एसीबी ने एटीपी कौशल कुमावत को 4 लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। नगर परिषद में एसीबी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। नागौर एसीबी की एडिशनल एसपी कल्पना सोलंकी ने बताया कि आरोपी एटीपी कौशल कुमावत ने शिकायतकर्त्ता के भतीजे के नाम पर रजिस्टर्ड कोल्ड स्टोरेज व वेयर हाउस की टेक्नीकल रिपोर्ट पॉजिटिव बनाने की एवज में 5 लाख रूपए की रिश्वत मांगी थी, शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी ने सौदा 4 लाख रूपए में फाइनल किया था।
एसीबी एएसपी सोलंकी ने बताया कि ट्रैप की कार्रवाई एटीपी के ऑफिस में ही की गई। एसीबी ने रिश्वत की राशि आरोपी एटीपी कौशल कुमावत की टेबल के ड्रॉवर से जब्त की। शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी एटीपी ने शिकायतकर्त्ता से पहले 5 लाख रूपए की डिमांड की, फिर 4 लाख रूपए में सौदा फाइनल कर लिया। परिवादी के पास इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था नहीं हुई तो एसीबी ने 20 हजार के नोटों के बीच 3 लाख 80 हजार रूपए के डमी नोट रख दिए। इसके बाद परिवादी ने वो बंडल आज आरोपी एटीपी को थमा दिया। उसने ये बंडल उठाकर सीधा ड्रॉवर में रख दिया, जिसे एसीबी ने जब्त कर लिया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एएसपी कल्पना सोलंकी ने बताया कि नागौर निवासी परिवादी रामगोपाल बंग ने शिकायत देते हुए बताया था कि उसके भतीजे के नाम पर रजिस्टर्ड बासनी रोड पर एक कोल्ड स्टोरेज-वेयर हाउस की टेक्नीकल रिपोर्ट बनानी थी। इसके लिए नगर परिषद में फाइल कर आवेदन किया था। फाइल जब एटीपी के पास पहुंची तो उसने रिपोर्ट पॉजिटिव बनाने के लिए 5 लाख रूपए की रिश्वत की मांग कर ली। आरोपी एटीपी ने ये भी कहा कि ये राशि तो सिर्फ एटीपी के सिग्नेचर के लिए है। अन्य लोगों को अलग से पैसे देने होंगे।
परिवादी ने जब कई बार पैसों की डिमांड कम करने की बात कही तो भी आरोपी एटीपी टस से मस नहीं हुआ। इसके बाद परिवादी ने एसीबी में शिकायत कर दी। शिकायत के सत्यापन के दौरान परिवादी ने बार-बार कहा तो एटीपी ने 5 लाख के बजाय 4 लाख रूपए में सौदा तय किया। सत्यापन के बाद आज एसीबी ने कार्रवाई करते हुए एटीपी काैशल कुमावत को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और रिश्वत की राशि को आरोपी के ऑफिस की टेबल के ड्रॉवर से जब्त कर लिया। आरोपी से पूछताछ व अन्य कार्रवाई जारी है। एसीबी ने मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान के‌ लिए पंजीबद्ध किया है।

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