नागौर नगर परिषद में सभापति और पार्षदों के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लंबे समय से सभापति के विरोधी पार्षदों का गुट मुखर है। नगर परिषद के 24 पार्षदों ने पहले ईमेल और फिर डाक के जरिए सभापति मीतू बोथरा को इस्तीफे भेजे हैं। सभापति मीतू बोथरा ने बताया कि 24 सदस्यों के इस्तीफे प्राप्त हुए हैं। इस्तीफे भेजने वालों में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद शामिल हैं। 3 पॉइंट्स में समझ लीजिए पूरा मामला 1. पहले भाजपाई शामिल नहीं हुए थे सभापति के विरोधी गुट ने 9 जून को कलेक्टर के समक्ष सभापति मीतू बोथरा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन भाजपा आलाकमान की समझाइश के बाद भाजपाई पार्षद 27 जून को अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल नहीं हुए थे। जिस वजह से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। 2. 24 पार्षदों ने डाक से भेजे इस्तीफे 27 जून को ही विरोधी गुट के पार्षदों ने इस्तीफे देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उसी दिन पार्षदों ने मौके पर ही कार्यवाहक ईओ से इस्तीफों को वेरिफाई करवा लिया था। नियमानुसार पार्षदों के इस्तीफे सभापति को ही सौंपे जा सकते हैं, लेकिन उस दिन के पार्षदों की सभापति से मुलाकात नहीं हो सकी। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव गिरने के 12 दिन बाद आज 24 पार्षदों ने सभापति को भारतीय डाक सेवा के जरिए इस्तीफे भेजे हैं। 3. और भी पार्षद दे सकते हैं इस्तीफे इस्तीफा देने वाले 24 पार्षदों में उपसभापति सदाकत सुलेमानी, पार्षद शोभा कंवर भाटी, अजीजुदीन अंसारी, जावेद खान, तौफीक खान, नौशाद बागवान, सरोज ओड, सायदा बानो, अफरोज जहां, चंद्रकांता सोनगरा, शिवरी देवी, कैलाशी मेघवाल, सरीन बानो, अजहरुद्दीन, आसी देवी, बसंती, केकई, जगदीश रामपाल कुरड़िया, मुजाहिद इस्लाम, आरिफा बानो, भजन सिंह, धर्मेंद्र पंवार और पायल गहलोत शामिल हैं। चर्चा है कि इसी सप्ताह 10 और पार्षदों के इस्तीफे हो सकते हैं।