रामनवमी के अवसर पर नागौर में रामभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर गली-नुक्कड़ पर रामभक्तों के जत्थे नजर आए। खत्रीपुरा स्कूल मैदान से बख्तसागर तालाब स्थित जलेश्वर महादेव मंदिर तक 4 किमी. लंबी शोभायात्रा में देवी-देवताओं की सैकड़ों सजीव झांकियां, केसरिया परिधानों में महिला-पुरूष, बाइक-गाड़ियों पर सवार रामभक्त, नागौर की संस्कृति दर्शाती झांकियां और पूरी शोभायात्रा पर लगातार गुलाब के फूलों की पुष्पवर्षा प्रमुख आकर्षण रहे। बख्तसागर तालाब पर बने मंच पर झांकियों ने नृत्य प्रस्तुत किया। रामनवमी महोत्सव आयोजन समिति की ओर भव्य आतिशबाजी और राेशनी की गई। रामनवमी के अवसर पर निकली शोभायात्रा में सबसे आगे हाथी पर बालकराम की झांकी, मध्य में महानंदी पर सवार शिव और शोभायात्रा के आखिर में खाटूश्यामजी, शिव परिवार, राम दरबार की झांकियां शामिल थीं। अंतर्राष्ट्रीय रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ खली ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सबको प्रयास करना पड़ेगा। उन्होंने जातिगत व्यवस्था से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता के भाव से कार्य करने का आह्वान किया। इस बार शोभायात्रा में विभिन्न समाजों के लोग पारंपरिक परिधान पहनकर शामिल हुए। रामनवमी महोत्सव को लेकर नागौर के बाजारों को केसरिया ध्वजों और झंडियों से सजाया गया। शोभायात्रा के मार्ग में जगह-जगह रामभक्तों की मान-मनुहार की गई। शोभायात्रा में विभिन्न समाजों और स्कूलों की काफी झांकियां शामिल रहीं। अंतर्राष्ट्रीय रेसलर द ग्रेट खली, ढोल-ताशे, पंजाब बैंड, महाबली हनुमान और आतिशबाजी ने शाेभायात्रा के रोमांच को बढ़ा दिया। शोभायात्रा के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने और पर्यावरण संरक्षण जैसे जनोपयोगी संदेश भी दिए गए। एएसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में भारी भरकम पुलिस जाब्ता पूरी शोभायात्रा के चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहा। सादा वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। नागौर के विभिन्न सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्था व चार मंडलों की 16 बस्तियों के श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में सहयोग किया। भगवान राम के जीवन चरित्र से संबंधित झांकियों के साथ-साथ भारत के महापुरुष, साधु संत, वीर वीरांगनाओं के माध्यम से देशभक्ति भाव से ओतप्रोत झांकियां निकलीं। मुख्य मार्गों व चौराहों पर सजावट, पुष्प वर्षा व शीतल पेयजल की व्यवस्था की गई। यात्रा संपन्न होने पर भारत माता की आरती हुई। शोभायात्रा में महोत्सव समिति के संरक्षक व संत शक्ति का पावन सान्निध्य रहा। इनमें महंत जानकीदास महाराज, स्वामी हरनारायण शास्त्री महाराज, संत भागीरथ राम शास्त्री महाराज, योगी स्वरूप नाथ महाराज मांझवास, संत लक्ष्मी नारायण दास महाराज फागली व रामद्वारा बस्सी के संत सर्वेश्वर महाराज ने भी श्रद्धालुओं का उत्साह वर्धन किया।