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पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में श्रीनाथजी की होली शुक्रवार को सुबह मुहूर्त अनुसार 5 बजकर 05 मिनट पर प्रज्ज्वलित की गई, जिसके बाद नगर व आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों ने होलिका दहन किया। सुबह सवा 4 बजे श्रीनाथजी के शंखनाथ हुए, जिसके बाद मंदिर के पांड्या, खर्च भंडारी, मशालची, श्रीनाथ गार्ड और कीर्तनकार सुबह पौने पांच बजे मंदिर से होली मंगरा के लिए रवाना हुए, होली मंगरा पहुंचे जहां मंदिर के पंड्या द्वारा होली का विधिविधान से पूजन करवाया गया जिसके बाद मुहूर्त अनुसार सुबह 5 बजकर 05 मिनट पर होलिका दहन किया गया। श्रीनाथजी की होली क्षेत्र की सबसे बड़ी होली होती है, जिसे लगभग हजार से बारह सौ कांटों की गठरियों से तैयार किया जाता है, जिसकी ऊंचाई लगभग दो मंजिला भवन जितनी होती है, श्रीनाथजी की होली के प्रज्वलन के बाद लगभग पचास से साठ फीट उची लपटे उठती है जिससे पूरा नगर प्रकाशित हो जाता है, इसके बाद ही नगर व आसपास के इलाकों में होलिका दहन किया जाता है।

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