जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में ‘सरगम’ ग्रुप की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘जीत जाएंगे हम’ का आयोजन किया गया। यह संगीतमय संध्या अमर संगीतकार लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल की याद में समर्पित रही, जिसमें जयपुर की 16 संगीतप्रेमी महिलाओं ने अपने स्वरों से युगल संगीतकारों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का निर्देशन गायिका मुक्ता चड्ढा ने किया। सभी प्रतिभागी महिलाएं लेवेंडर रंग के सौम्य परिधानों में मंच पर उतरीं, तो वह दृश्य एक सुरमई सौंदर्य बन गया। शाम की शुरुआत “ना मांगू सोना चांदी…” जैसे भक्ति गीत से हुई, जिसमें मुक्ता, राजश्री, ममता, अनुराधा और संध्या की सामूहिक प्रस्तुति ने वातावरण को अध्यात्म से जोड़ दिया। इसके बाद गीतों की श्रृंखला में भाव, रस और शैली के हर रंग की अभिव्यक्ति हुई। प्रस्तुतियों में प्रेम, भरोसा, शोखी, पीड़ा और आध्यात्मिक ऊंचाई के स्वर अलग-अलग गायिकाओं की आवाज से फूटे। “मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊं कहीं…”, “सत्यं शिवं सुंदरम्…”, “एक प्यार का नग़मा है…”, “हाय हाय ये मजबूरी…”, “तेरा साथ है तो…” जैसे गीतों ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। सामूहिक प्रस्तुतियों जैसे “एक दो तीन…”, “कोई जब राह न पाए…”, “दफली वाले…” और “नी मैं यार मनाना नी…” में कार्यक्रम ने उत्सव और लोकधुनों का रस भी बिखेरा। अंत में सभी प्रतिभागियों ने “जीत जाएंगे हम…” गीत सामूहिक रूप से प्रस्तुत कर एक सशक्त संदेश दिया — कि संगठित नारीशक्ति जब सुर में बोलती है, तो वह एक घोषणा बन जाती है। कार्यक्रम की संयोजक ऊषा अग्रवाल और अनुराधा माथुर रहीं, संचालन भी अनुराधा ने किया।मुख्य अतिथि डॉ. मधु भट्ट तैलंग (प्रदेश की पहली ध्रुपद गायिका), विशिष्ट अतिथि सुमन शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग) और रेशमा खान (प्रोग्राम हेड, आकाशवाणी) ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे स्त्री-शक्ति और संगीत का सुंदर संगम बताया।

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