प्रोपर्टी डील करने के बहाने साइबर ठग ने कंपनी का मालिक बनकर एक कंपनी के अकाउंटेंट से 27 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए। साइबर ठगी की वारदात झोटवाड़ा स्थित एक निजी कंपनी के साथ हुई है। इसको लेकर कार कंपनी के संचालक देवेन्द्र सिंह निवासी वैशाली नगर ने जयपुर पुलिस आयुक्तालय के साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 17 जून को कंपनी के अकाउंटेंट कमलेश को उनकी ही कंपनी के मालिक की वॉट्सएप डीपी लगाकर साइबर ठग ने मैसेज भेजा। मैसेज में खुद को कंपनी के मालिक का नया नंबर बताकर पहचान छिपाई गई। खुद को प्रोपर्टी की डील करने वाली कंपनी का मालिक बताते हुए कहा कि देवेंद्र सिंह किसी मीटिंग में व्यस्त हैं। जमीन का सौदा किया जा रहा है, उसकी टोकन मनी ट्रांसफर करवाने के लिए कहा है। इस प्रकार धोखे से 27 लाख रुपए निजी बैंक अकाउंट से बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करवा लिए गए। आरटीजीएस करने का मेल आया तो पता चला घटना की जानकारी तब सामने आई जब देवेन्द्र सिंह को बैंक की ओर से ई-मेल प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्होंने बैंक में अकाउंटेंट से बात की तब धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। उन्होंने तत्काल साइबर हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई गई। मामले की जांच इंस्पेक्टर श्रवण कुमार को सौंपी गई है। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर अपराधियों की तलाश में जुटी है। बैंक खातों को फ्रीज करवाया गया है। वॉट्सएप तस्वीर का इस्तेमाल कर हो रही साइबर ठगी स्टेट साइबर क्राइम ब्रांच के एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधियों ने अब वॉट्सएप प्रोफाइल तस्वीरों का दुरुपयोग कर नया ठगी का तरीका अपना लिया है। ठग वॉट्सएप पर किसी कंपनी, फर्म या प्रतिष्ठान के चेयरमैन, प्रोपराइटर या अन्य वरिष्ठ अधिकारी की तस्वीर लगाकर फर्जी नंबर से मैसेज करते हैं। इसके बाद खुद को उस पदाधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अपराधी खुद को कंपनी का मुखिया बताते हुए संबंधित व्यक्ति को मीटिंग में व्यस्त होना बता देते हैं। फिर कनिष्ठ अधिकारी, अकाउंटेंट या कर्मचारी से वीडियो कॉल या मैसेज के ज़रिए प्रोजेक्ट से जुड़ी जरूरी फंडिंग, आपात खर्च या सरकारी भुगतान के नाम पर तत्काल किसी बैंक खाते में रकम ट्रांसफर करने के निर्देश देते हैं। भ्रम में आकर कर्मचारी उसे वास्तविक निर्देश समझकर बड़ी राशि फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देता है। साइबर पुलिस की चेतावनी; सिर्फ वॉट्सएप प्रोफाइल फोटो देखकर किसी भी संदेश या कॉल को सच न मानें। किसी भी प्रकार के ट्रांजेक्शन से पहले फोन पर सीधी पुष्टि करें। अगर कोई ऐसी संदिग्ध गतिविधि सामने आती है, तो तत्काल: 1930 पर फोन कर सूचना दें।