जवाहर कला केंद्र (JKK) में नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट फेयर का आयोजन किया जा रहा है, जहां देशभर के विभिन्न राज्यों से आए आर्टिजंस ने अपने हस्तशिल्प और कलात्मक उत्पादों के साथ भारतीय संस्कृति के रंग बिखेरे हैं। फेयर में हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम की बेहतरीन झलक देखने को मिल रही है, जिससे जयपुराइट्स जमकर खरीदारी कर रहे हैं। फेयर के आयोजक धर्मेश जांगिड़ ने बताया कि इस मेले में देशभर के नेशनल अवॉर्डी आर्टिजन समेत विभिन्न राज्यों के कारीगर अपने अनूठे उत्पादों के साथ शामिल हुए हैं। फेयर में पारंपरिक हस्तशिल्प और वस्त्रों का विशाल संग्रह देखने को मिल रहा है, जो भारतीय कला और शिल्प कौशल की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। फेयर में हैंडीक्राफ्ट सेक्शन के तहत खुर्जा सेरामिक पॉटरी, सहारनपुर फर्नीचर, मुरादाबाद ब्रास आर्टिकल्स, व्रॉट आयरन फ्रेम और फर्नीचर, हस्तनिर्मित एवं कृत्रिम आभूषण, कच्छ वर्क वॉल हैंगिंग और बैग, जयपुरी मोहरी/जूती, लेदर पर्स, बैग्स, बेल्ट्स, मैसूर चंदन अगरबत्ती और पानीपत कट वर्क प्रमुख आकर्षण हैं। हैंडलूम सेक्शन में कश्मीरी पश्मीना शॉल, ड्रेस और साड़ियां, लखनऊ चिकन वर्क सूट और साड़ियां, जयपुर हैंडब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट और रजाई, बनारसी सिल्क ड्रेस मटेरियल और साड़ियां, भागलपुरी सिल्क, खादी और ड्रेस मटेरियल, आंध्र प्रदेश की इक्कत साड़ी और कलमकारी वर्क, पश्चिम बंगाल की कांथा साड़ी, जामदानी, टसर, बालूचारी, पटोला, अजऱख, कोटा डोरिया, पोचमपल्ली, पाट्टू, टिशू सिल्क, लिनेन, कट वर्क सहित अन्य सिल्क और हैंडलूम उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा वाराणसी के हैंडलूम कार्पेट, डोरमैट और दरी भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। फेयर का आयोजन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक किया जा रहा है, जहां प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क है। इस मेले में देशभर के आर्टिजंस और बुनकर अपने हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं, जिससे जयपुरवासियों को एक ही छत के नीचे भारत के विविध कला रूपों का अनुभव करने का अवसर मिल रहा है। धर्मेश ने कहा कि फेयर में शामिल होकर भारत की समृद्ध हस्तकला और वस्त्र विरासत को करीब से देखने और खरीदने का यह सुनहरा अवसर है।

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