भास्कर न्यूज | बाड़मेर डीएनपी (डेजर्ट नेशनल पार्क) एरिया में आबाद गांवों में राज्य सरकार 1980 के कारण विकास कार्य नहीं करवा पा रही है। दूसरी ओर बाड़मेर क्षेत्र के अधिकारियों ने पंचायत पुनर्गठन के दौरान डीएनपी एरिया की सीमाओं में आने वाले गांवों को नई पंचायत बनाने का प्रस्ताव लिया है। पंचायत पुनर्गठन के दौरान अधिकारियों द्वारा नई पंचायतों के प्रस्तावों को लेकर आपत्तियों और विरोध का सिलसिला लगातार जारी है। स्थानीय लोगों द्वारा डीएनपी एरिया में नई पंचायत प्रस्तावित करने का विरोध किया जा रहा है। वहीं विभागीय अधिक​रियों ने बताया कि पंचायत का प्रस्ताव तो सरकार ले सकती है, लेकिन किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए उनको विभाग से अनुमति लेनी पड़ेगी। नौ पंचायतें और एक पंचायत समिति का लिया प्रस्ताव:4 अगस्त 1980 को डेजर्ट नेशनल पार्क के रूप में घोषित किया था। इन दिनों पंचायत पुनर्गठन कार्यक्रम के दौरान जिले में डीएनपी में नए प्रस्तावित राजस्व गांवों और पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव लिए है। इस पार्क में नए राजस्व गांव और पंचायतों के गठन के प्रस्ताव से भारत के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 का उल्लंघन हो रहा है। गडरारोड क्षेत्र के सिरगुवाला, साधो की बस्ती, चाहाड़ीयाली, ऊगेरी, तुड़बी, मेदूसर, भू, नोहड़ियाला और रावतपीरपुरा नई ग्राम पंचायतें प्रस्तावित की है। गिराब नाम से प्रस्तावित नई पंचायत समिति भी इसी क्षेत्र में प्रस्तावित की है। वर्ष 2006 में सर्वोच्च न्यायालय ने सेंटर फॉर इन्वायरमेंटल लॉ बनाम भारत संघ में स्पष्ट कहा था कि संरक्षित क्षेत्रों में नई मानवीय बसावट, राजस्व गांव या प्रशासनिक इकाई का गठन बिना भारत सरकार की पूर्व अनुमति और पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन के नहीं किया जा सकता। न्यायालय के आदेश के बावजूद डीएनपी संरक्षित क्षेत्र में नई ग्राम पंचायतें प्रस्तावित की है। 2019 में बनी पंचायतों में नहीं हुए विकास कार्य:राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 के पंचायत पुनर्गठन के दौरान डीएनपी क्षेत्र में रोहिडाला, द्राभा और खड़ीन को ग्राम पंचायत बनाया,लेकिन तीनों में आज तक कोई विकास कार्य नहीं हो पाए हैं। इसके साथ ही पंचायतों में करवाए जाने वाले कार्य के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। तीनों ग्राम पंचायतों के लोग पंचायत गठित होने के बाद भी अभी तक मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। ^डीएनपी की अधिसूचित सीमा में प्रस्तावित ग्राम पंचायतों व पंचायत समिति के गठन को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के पर्यावरणीय दिशा निर्देश की पालना नहीं की गई है। इसके चलते इन ग्राम पंचायत व पंचायत समिति के गठन के संबंध में आपत्ति दर्ज करवाई है। – गणपतसिंह भाटी, ग्रामीण, तानु, गडरारोड ^डीएनपी एरिया में नई ग्राम पंचायत का प्रस्ताव लिया जा सकता है। इस संबंध में जमीनी खसरों में परिवर्तन किया जाता है तो उसके लिए विभाग से पहले स्वीकृति चाहिए। इइन ग्राम पंचायत में विकास कार्य के लिए विभाग से स्वीकृति चाहिए। – बृजमोहन गुप्ता, डीएफओ, डीएनपी

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