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ग्रामीण युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अब और भी सुगम होने जा रही है। अब उन्हें अध्ययन के लिए शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 2126 पंचायतों में अटल ज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में ई-लाइब्रेरी, ई-पुस्तकें, विभिन्न भाषाओं में पत्र-पत्रिकाएं और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे युवाओं को तकनीकी और शैक्षणिक संसाधनों तक स्थानीय स्तर पर ही पहुंच प्राप्त होगी। पंचायत मुख्यालयों पर ही मिलेगी आधुनिक ई-लाइब्रेरी
पहले चरण में 3000 से अधिक जनसंख्या वाली पंचायतों में ये अटल ज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों को भारत निर्माण सेवा केंद्र के कक्ष में संचालित किया जाएगा, जिससे बुनियादी संरचना का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके। युवाओं को मिलेगा ई-शिक्षा और रोजगार प्रशिक्षण
इन केंद्रों के माध्यम से युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण, ई-लाइब्रेरी, और विभिन्न सरकारी सेवाओं की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी। अटल प्रेरकों की होगी नियुक्ति और प्रशिक्षण
इन केंद्रों में अटल प्रेरकों की नियुक्ति की जाएगी, जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे आमजन को अध्ययन और नवाचार के लिए प्रेरित कर सकें। उनकी भूमिका इन ज्ञान केंद्रों को लोकप्रिय और उपयोगी बनाने में अहम होगी। 12.50 लाख रुपए आएंगे एक केंद्र के निर्माण पर
प्रत्येक अटल ज्ञान केंद्र के निर्माण पर 12.50 लाख रुपए का खर्च अनुमानित है। इसमें 8 लाख रुपए भवन निर्माण, 2.45 लाख रुपए फर्नीचर और वायरिंग, तथा 2 लाख रुपए कंप्यूटर व अन्य उपकरणों पर खर्च किए जाएंगे। एक समय में 20 विद्यार्थी कर सकेंगे अध्ययन
इन केंद्रों में 36 बाय 20 फीट के हॉल का निर्माण होगा, जिसमें 20 विद्यार्थियों के एक साथ अध्ययन की व्यवस्था होगी। कम से कम 4 वर्क स्टेशन, कंप्यूटर और फर्नीचर की सुविधा होगी, जिससे विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। ज्ञान केंद्र होंगे ग्रामीण नवाचार का केंद्र
यह ई-लाइब्रेरी न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी होगी, बल्कि ग्रामीणों को अपनी रुचियों के अनुसार नई चीजें सीखने के लिए एक गतिविधि केंद्र के रूप में भी कार्य करेगी।

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