भारतीय उप कप्तान ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में भारत की दूसरी पारी में भी शतक लगाया। वे एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बने। पंत ने पहली पारी में 134 रन और दूसरी पारी में 118 रन बनाए। इंग्लैंड टेस्ट में उनके बल्ले से ऐसे ही रन नहीं निकले हैं। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और बल्लेबाजी स्टाइल में किए बदलाव अहम वजह है। पंत के सोनेट क्लब में कोच रहे देवेंद्र शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि उन्होंने डिफेंस और ड्राइव पर काम किया। धैर्य से खेलने और शॉट्स चयन पर काम किया
देवेंद्र शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद IPL में उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। वह काफी निराश थे। उनकी आलोचना की जा रही थी। पंत ने मुझसे से बातचीत की। फिर हम दोनों ने रिव्यू किया और पाया कि कुछ चीजों पर काम करने की जरूरत है। सबसे पहले यह तय हुआ कि टेस्ट में उन्हें धैर्य से खेलना होगा और शॉट सेलेक्शन पर काम करना होगा। बाहर जाती हुई गेंदों को छोड़ना होगा और अच्छे गेंद को सम्मान देना होगा। इसके लिए पंत ने रोजाना 2.30 से 3.00 घंटे प्रैक्टिस की। खुद को मानसिक रूप से भी इसके लिए तैयार किया। आपने देखा होगा कि पंत इंग्लैंड में पहली पारी से अपने नेचर के विपरीत खेलते नजर आए। वह शुरू से ही डिफेंसिव मोड में खेले। पहले वह हर बॉल पर आक्रामक रहते थे, वहीं अब उन्होंने धैर्य रखना सीख लिया है और शॉट सेलेक्शन में सावधानी बरती। ऐसा नहीं है कि पंत ने आक्रामक शैली को छोड़ दिया है, पर अच्छी गेंद को सम्मान देना शुरू कर दिया और खराब गेंदों पर शॉट्स लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने डिफेंस और ड्राइव पर अच्छा काम किया है। यही कारण है कि दोनों ही पारियों में वह शतक लगाने में सफल रहे। कार एक्सीडेंट के बाद पंत खुद दोबारा क्रिकेट खेलने को लेकर डाउट में थे
शर्मा बताते हैं कि 2022 के आखिरी दिन दिल्ली से रुड़की जाते हुए कार एक्सीडेंट में पंत को काफी चोटें आईं थी। उनके घुटने की लिगामेंट टूट गई। जब मैं उन्हें देहरादून में देखने गया, तो मुझे भी लगा कि अब क्रिकेट खेलना मुश्किल हो सकता है। पंत ने मेरे से एक ही सवाल किया कि सर क्या में दोबारा क्रिकेट खेल पाउंगा। मैंने खुद को संभाला और कहा हां खेल पाओगे और पहले अपने को ठीक करो। उस समय उसको मोटिवेट करना चैलेंजिंग था। परिवार से लेकर सभी ने उसको मोटिवेट किया। वह ऐसा समय रहा कि पंत दोनों महीनों तक हिल भी नहीं पा रहा था। मैं BCCI और नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) का शुक्रगुजार हूं कि उस समय उसके साथ खड़े रहे। NCA ने उनके रिहैब में काम किया और वह फिर से क्रिकेट में वापसी कर पाए। उन्होंने पहले IPL खेला और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की। दोनों पारियों में शतक आलोचकों को जवाब
देवेंद्र शर्मा ने कहा कि दोनों पारियों में शतक पंत का आलोचकों को जवाब है। दो हफ्ते पहले ही उनके फ्यूचर को लेकर लोग बात कर रहे थे, कि आगे क्या होगा। पहले ही वह टी-20 और वनडे टीम से बाहर चल रहे थे।
हालांकि, चैंपियंस ट्रॉफी में टीम में शामिल थे, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। ऑस्ट्रेलिया में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकला था। ऐसे में इंग्लैंड दौरे के पहले मुकाबले में दोनों पारियों में शतक आलोचकों को जवाब है, पंत ने बता दिया कि उनमें काबिलियत है और टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा जता कर कोई गलत फैसला नहीं किया। इंग्लैंड में बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता है। ऐसे में पहली पारी में 134 और दूसरी पारी में 118 रन उनकी काबिलियत को दिखाता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में वह टी-20 और वनडे में भी टीम का हिस्सा होंगे। ________________ यह खबर भी पढ़ें… लीड्स टेस्ट-भारत ने इंग्लैंड को 371 रन का टारगेट दिया:पंत और राहुल की सेंचुरी; आखिरी दिन इंग्लैंड को 350 रन चाहिए एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट के चौथे दिन भारतीय पारी 364 रन पर ऑलआउट हो गई। भारत ने इंग्लैंड को 371 रन का टारगेट दिया। स्टंप्स तक इंग्लैंड ने बगैर विकेट 21 रन बना लिए हैं। बेन डकेट और जैक क्रॉली नाबाद लौटे हैं। अब इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए 350 रन की जरूरत है। पूरी खबर
