iit jodhpur meeting 11th july 1752235666 SKR0ZT

आईआईटी जोधपुर की अगुआई में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसका लक्ष्य 87 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम की लागत पर उत्पादन करना है। यह पहल नवीन तकनीकों और प्रभावशाली नीतिगत समर्थन के साथ राजस्थान को ग्रीन हाइड्रोजन नवाचार में देश में अव्वल बनाएगी। इससे वर्ष 2030 तक 60 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे, हरित पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, निर्यात को मजबूती मिलेगी और भारत के नेट जीरो व आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलेगा। शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर द्वारा प्रायोजित सेक्शन 8 कंपनी, जेएचवी इनोवेशन फाउंडेशन ने उत्तर भारत के पहले ग्रीन हाइड्रोजन हब – जोधपुर हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर (JHVIC) को आगे बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय स्टेकहोल्डर्स मीट आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता आईआईटी जोधपुर के निदेशक और जेएचवी इनोवेशन फाउंडेशन के चेयरमैन प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने की। इस बैठक में राजस्थान सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव एवं आयुक्त वी. सरवणा कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। क्लस्टर की रणनीति और उत्पादन लक्ष्य इस क्लस्टर की रणनीति के तहत सालाना 350 टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन अपशिष्ट जल से किया जाएगा, जिसमें क्षारीय जल इलेक्ट्रोलाइज़र और सौर ऊर्जा (Solar PV) का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, 15 टन सालाना जैवमास (biomass) से भी हाइड्रोजन तैयार की जाएगी। यह हाइड्रोजन परिवहन, उद्योगों के लिए अमोनिया उत्पादन और सिटी गैस वितरण नेटवर्क में मिश्रण के रूप में प्रयोग होगी। राजस्थान सरकार के साथ एमओयू IIT जोधपुर और राजस्थान सरकार के बीच ‘राइजिंग राजस्थान समिट’ में पहले ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिसके तहत आईआईटी परिसर में नवीकरणीय ऊर्जा से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। प्रोजेक्ट में देश के प्रमुख संस्थान भी भागीदार बैठक में वेयरई, एनटीपीसी, इंच एनवायरो, एजीपी प्रथम, सेप्रेक्स, न्यूबर्ग, अर्न्स्ट एंड यंग, सेलेगेंट, इंगरसोल, बीआईटीएस पिलानी, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी भुवनेश्वर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी स्टेकहोल्डर्स ने सर्वसम्मति से इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए राजस्थान सरकार से निरंतर लॉजिस्टिक सहयोग और वित्तीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि 205 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत, जिसमें संचालन, रखरखाव और अनुसंधान एवं नवाचार (RD) शामिल हैं, को आगामी पांच वर्षों में पूरा किया जा सके। बैठक का समापन प्रस्तावित हाइड्रोजन वैली परियोजना स्थल के दौरे और साइट विकास को राजस्थान की अग्रगामी नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों के अनुरूप तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा के साथ हुआ। देश के चार चयनित ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर्स में जोधपुर जोधपुर हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर भारत के उत्तरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और यह देश के चार चयनित ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर्स में से एक है। अन्य क्लस्टर्स भुवनेश्वर (पूर्व), पुणे (पश्चिम) और केरल (दक्षिण) में हैं।

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