राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा है कि पर्यावरण की समस्या नैसर्गिक नहीं है। यदि प्रयास किया जाए तो पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। बरगद और पीपल दिन रात ऑक्सीजन देते हैं। इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है। राज्यपाल बुधवार को निजी होटल में राजस्थान एनवायरमेंट एंड एनर्जी कंजर्वेशन की ओर से आयोजित ‘वर्ल्ड एनवायरमेंट डे समिट- 2025’ पर संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा- पेड़ लगेंगे तभी बारिश होगी। पानी रुकेगा तभी भूमिगत जल संरक्षण हो सकेगा। इसके साथ उन्होंने जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। जल युक्त गांव बनाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया- वॉटर हॉरवेस्टिंग के जरिए बरसात के पानी का संरक्षण करें। मैंने विश्वविद्यालयों में खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के लिए पत्र लिखा हैं कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर स्व-प्रेरणा से पेड़ लगाएं । ऐसे पौधे लगाए जो क्वालिटी के हों। युवा वर्ग को आगे आकर पहल करने के लिए कहा नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने वृक्ष लगाने, जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए किशोर और युवा वर्ग को आगे आकर पहल करने के लिए कहा। नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किए जाने पर जोर दिया। पद्मश्री लक्ष्मण सिंह ने गांवों में पानी की होती जा रही कमी के साथ जल संरक्षण के लिए लापोड़िया में सामूहिक भागीदारी से खुदवाए देव सागर, अन्न सागर आदि तालाबों, गोचर संस्कृति और पेड़ लगाने आदि के लिए किए कार्यों के बारे में अनुभव साझा किए। पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने भूजल के गिरते स्तर और जल अभाव की भविष्य में उत्पन्न होने वाली स्थितियों पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने समय रहते प्रकृति, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्य किए जाने की अपील की।