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पशुधन विकास के तत्कालीन सहायक निदेशक को सजा:एसीबी-2 न्यायालय ने 1 साल की कैद का दिया निर्णय, कहा-लोकसेवकों में बढ़ रही भ्रष्ट आचरण अपनाने की प्रवृत्ति

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वेतन बिलों को पास करने के एवज में 16 साल पहले दो हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए पशुधन विकास बांसवाड़ा के तत्कालीन सहायक निदेशक को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। एसीबी बांसवाड़ा की टीम ने गत 13 जनवरी 2009 को पशुधन विकास बांसवाड़ा के तत्कालीन सहायक निदेशक सेक्टर-4 हिरणमगरी निवासी डॉ.अविनाश कुमार शर्मा को पशु उपकेन्द्र रांणगा कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) के पशुधन सहायक लक्ष्मण लाल मसार से दो हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा था। आरोप पत्र पेश होने पर विशिष्ट लोक अभियोजक राकेश मित्तल ने आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर एसीबी-2 न्यायालय की पीठासीन अधिकारी संदीप कौर ने आरोपी को भ्रष्टाचार की दो अलग-अलग धाराओं में एक-एक वर्ष की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि वर्तमान समय में लोक सेवकों द्वारा अपने लोक कर्तव्यों का निर्वहन न कर भ्रष्ट आचरण अपनाने की दिनों दिन प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसे दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को उक्त दोषसिद्ध आरोपों में दंडित करना न्यायोचित प्रतीत होता है। यह था मामला परिवादी ने 12 जनवरी 2009 को एसीबी बांसवाड़ा के निरीक्षक बृजेन्द्र सिंह भाटी को लिखित रिपोर्ट दी। बताया कि वह पशु उपकेन्द्र रांणगा में एक वर्ष से कार्यरत है। अक्टूबर 2007 व जनवरी 2008 का वेतन बिल बकाया होने पर वह सहायक निदेशक डॉ. अविनाश शर्मा से मिला। उन्हें बिल के अलावा जीपीएफ लोन के आवेदन तथा डायरी भी दे रखी है। सभी कार्य करवाने के एवज में उन्होंने 2 हजार रुपए रिश्वत मांगी। एसीबी ने सत्यापन के बाद सहायक निदेशक डॉ. शर्मा को घूस की राशि लेते हुए कार्यालय में पकड़ लिया।

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